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भगवती सूत्र - श. १२ उ. १० आत्मा के आठ भेद और उनका संबंध
उससे ब्रह्मदेवलोक में असंख्यात गुण, उससे माहेन्द्र में असंख्यात गुण, उससे मनत्कुमार में असंख्यात गुण, उससे ईशान में असंख्यात गुण, उससे सौधर्म में संख्यात गुण, उससे भवनपति देव असंख्यात गुण और उससे वाणव्यन्तर देव असंख्यात गुण हैं ।
॥ बारहवें शतक का नौवाँ उद्देशक सम्पूर्ण ॥
शतक १२ उद्देशक १०
आत्मा के आठ भेद और उनका सम्बन्ध
१ प्रश्न -कइविहा णं भंते ! आया पण्णत्ता ? १ उत्तर - गोयमा ! अद्भुविहा आया पण्णत्ता, तं जहा - १ दवि याया २ कसायाया ३ जोगाया ४ उवओगाया ५ णाणाया ६ दसणाया ७ चरिताया ८ वीरियाया ।
२ प्रश्न - जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स कसायाया, जस्स कसायाया तस्स दवियाया ?
२ उत्तर - गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स कसायाया सिय अस्थि सिय णत्थि, जस्स पुण कसायाया तस्स दवियाया णियमं अत्थि ।
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३ प्रश्न - जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स जोगाया ?
३ उत्तर - एवं जहा दवियाया कसायाया भणिया तहा दवि
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