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२०१४
भगवती सूत्र-श. १२ उ. ४ परमाणु और स्कन्ध के विभाग
९ प्रश्न-दस भंते ! परमाणुपोग्गला
९ उत्तर-जाव दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ णवपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ अट्ठपएसिए खंधे भवइ; एवं एक्केक्कं संचारेयव्वं ति, जाव अहवा दो पंच पएसिया खंधा भवंति ।
भावार्थ-९ प्रश्न-हे भगवन् ! दस परमाणु मिलकर क्या बनता है ?
९ उत्तर-हे गौतम ! उनको एक दस प्रदेशी स्कन्ध बनता है। यदि उसके विभाग किये जायें, तो दो, तोन यावत् दस विभाग होते हैं । जब उसके दो 'विभाग किये जायें, तो एक ओर एक परमाण-पुदगल और एक ओर एक नौ प्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक अष्ट प्रदेशी स्कन्ध होता है । इस प्रकार एक-एक का संचार करना चाहिये । यावत् दो पञ्चप्रदेशी स्कन्ध होते हैं।
___तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ अट्ठः पएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ चउप्पएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति; अहवा एग. यओ दो तिपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ ।
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