________________
श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ साहित्य रत्न माला का २४ वा रत्न
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
• गणधर भगवान् सुधर्मस्वामि प्रणीत
भगवती सूत्र
(व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र) ..
चतुर्थभाग (शतक६-१०-११-११)
|
-सम्पादकपं. श्री घेवरचन्दजी बांठिया “वीरपुत्र" (स्वर्गीय पंडित श्री वीरपुत्र जी महाराज) न्याय व्याकरणतीर्थ, जैन सिद्धांत शास्त्री
IIIIIIIIIIIIII
I
- प्रकाशकश्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर ।
शाखा-नेहरू गेट बाहर, ब्यावर-305901 - (01462) 251216, 257699 Fax No. 250328
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org