SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 373
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १४३६ . भगवती सूत्र-श. ८ उ. ८ ऐपिथिक और साम्परायिक बन्ध गोणपुंसगो बंधइ, पुव्वपडिवण्णए पडुच अवगयवेदा वा बंधति, पडिवजमाणए पडुच अवगयवेदो वा बंधइ, अवगयवेदा वा बंधति । कठिन शब्दार्थ-बंधे-आस्मा का कर्म वर्गणाओं से बंधना, इरियावहिया-ऐपिथिक (वीतराग को योग के कारण होने वाला), साम्पराइय-कषायजन्य, पुश्वपडिवण्णए-पूर्व प्रतिपन्न (पहले के), पडिवज्जमाण-प्रतिपद्यमान (वर्तमान), बंधइ-बांधता है, अवगयवेदावेदरहित (स्त्री, पुरुष और नपुंसक संबंधी भोग संस्कार नष्ट हो गए हों)। .. भावार्थ-९ प्रश्न-हे भगवन् ! बन्ध कितने प्रकार का कहा गया है ? ९ उत्तर-हे गौतम ! बन्ध दो प्रकार का कहा गया है । यथा-ऐपिथिक बन्ध और साम्परायिक बंध। १० प्रश्न-हे भगवन् ! ऐर्यापथिक बन्ध क्या नरयिक बांधता है, तिर्यच बांधता है, तियंचणी (तियंच स्त्री) बाँधती है, मनुष्य बांधता है, मनुष्यणी बांधती है, देव बांधता है, या देवी बांधती है ? १० उत्तर-हे गौतम ! नरयिक नहीं बांधता, तिर्यच नहीं बांधता, तियचणी नहीं बांधती, देव नहीं बाँधता और देवी भी नहीं बाँधती । किन्तु पूर्व प्रतिपन्न की अपेक्षा मनुष्य और मनुष्यस्त्रियाँ बांधती है । प्रतिपद्यमान की अपेक्षा (१) मनुष्य बांधता है, अथवा (२) मनुष्य-स्त्री बांधती है, अथवा (३) मनुष्य बांधते हैं, अथवा (४) मनुष्य-स्त्रियां बांधती हैं, अथवा (५) मनुष्य और मनुष्य-स्त्री बांधती है, अथवा (६) मनुष्य और मनुष्य-स्त्रियाँ बांधती है, अथवा (७) मनुष्य (बहुत मनुष्य) और मनुष्य-स्त्री बांधती है, अथवा(८) मनुष्य और मनुष्य-स्त्रियां बांधती हैं। ११ प्रश्न-हे भगवन् ! ऐर्यापथिक कर्म क्या (१) स्त्री बांधती है, (२) पुरुष बांधता है, (३) नपुंसक बांधता है, (४) स्त्रियां बांधती हैं, (५) पुरुष बांधते हैं, (६) नपुंसक बांधते हैं, (७) या नोस्त्री-नोपुरुषनोनपुंसक बांधता है? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy