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________________ १०३८ भगवती सूत्र-श. ६ उ. ७ उपमेय काल आदिभूत, विहत्थी-वितस्ति-एक बेंत अर्थात् बारह अंगुल प्रमाण । भावार्थ-५ प्रश्न-हे भगवन् ! औपमिक काल किसे कहते हैं ? ५ उत्तर-हे गौतम ! औपमिक काल दो प्रकार का कहा गया है । यथापल्योपम और सागरोपम ।। ६ प्रश्न-हे भगवम् ! पल्योपम किसे कहते हैं और सागरोपम किसे कहते हैं ? ६ उत्तर-हे गौतम ! जो सुतीक्ष्ण शस्त्रों के द्वारा भी छेदा भेदा न जा सके, ऐसे परम-अणु (परमाणु) को केवली भगवान् सब प्रमाणों का आदिभूत प्रमाण कहते हैं । ऐसे अनन्त परमाणुओं के समुदाय की समिति के समागम से एक उच्छलक्ष्णश्लक्ष्णिका, श्लक्ष्णश्लक्षिणका, ऊर्वरेणु, त्रसरेणु, रथरेणु, बालाग्र, लिक्षा, यूका, यवमध्य और अंगुल होता है। आठ उच्छ्लक्ष्णश्लक्षिणका के मिलने से एक श्लक्ष्णश्लक्षिणका होती है । आठ इलक्ष्णश्लक्षिणका से एक ऊर्ध्वरेणु, आठ ऊर्ध्वरेणु से एक प्रसरेणु, आठ त्रसरेणु से एक रथरेणु और आठ रथरेणु से देवकुरु उत्तरकुरु के मनुष्यों का एक बालाग्र होता है। देवकुरु उत्तरकुरु के मनुष्यों के आठ बालानों से हरिवर्ष रम्यवर्ष के मनुष्यों का एक बालाग्र होता है । हरिवर्ष रम्यवर्ष के मनुष्यों के आठ बालानों से हेमवत ऐरावत के मनुष्यों का एक बालाग्र होता है । हमवत ऐरावत के मनुष्यों के आठ बालानों से पूर्व विदेह के मनुष्यों का एक बालाग्र होता है । पूर्व विदेह के मनुष्यों के आठ बालानों से एक लिक्षा (लोख), आठ लिक्षा से एक यूका (जू), आठ यूका से एक यवमध्य और आठ यवमध्य से एक अंगुल होता है । इस प्रकार के छह अंगुल का एक पाद (पैर), बारह अंगुल को एक वितस्ति (बेत), चौबीस अंगुल का एक हाथ, अड़तालीस अंगुल को एक कुक्षी, छियानवें अंगुल का एक दण्ड, धनुष, युग, नालिका, अक्ष अथवा मूसल होता है । दो हजार धनुष का एक गाऊ होता है। चार गाऊ का एक योजन होता है । इस योजन के परिमाण से एक योजन लम्बा एक योजन चौड़ा और एक योजन गहरा तिगुणी से अधिक परिधिवाला एक पल्य हो, उस पल्य में देवकुर उत्तरकुरु के मनुष्यों के एक दिन के उगे For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.004087
Book TitleBhagvati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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