SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 461
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ९७८ भगवती सूत्र - ६ उ. ४ जीव प्रदेश निरूपण भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! कालादेश की अपेक्षा क्या जीव, सप्रदेश है, या अप्रदेश है ? १ उत्तर - हे गौतम! जीव, नियमा ( निश्चित रूप से) सप्रदेश है । २ प्रश्न - हे भगवन् ! कालादेश की अपेक्षा नैरयिक जीव, सप्रदेश है अथवा अप्रदेश है ? २ उत्तर - हे गौतम! एक नैरधिक जीव कदाचित् सप्रदेश है और कदाचित् अप्रदेश है । इस प्रकार यावत् सिद्ध जीव पर्यन्त कहना चाहिये । कालादेश की अपेक्षा क्या जीव ( बहुत जीव ) ३ प्रश्न - हे भगवन् ! सप्रदेश हैं, या अप्रदेश हैं ? ३ उत्तर - हे गौतम ! ४ प्रश्न - हे भगवन् ! कालादेश की अपेक्षा क्या नैरयिक जीव ( बहुत नैरयिक जीव) सप्रदेश हैं, या अप्रदेश हैं ? Jain Education International जीव नियमा सप्रदेश हैं । ४ उत्तर - हे गौतम ! इस विषय में नैरयिक जीवों के तीन भंग हैं । यथा - १ सभी सप्रदेश, २ बहुत सप्रदेश और एक अप्रदेश, ३ बहुत सप्रदेश और बहुत प्रदेश | इस प्रकार यावत् स्तनितकुमारों तक कहना चाहिये । ५ प्रश्न - हे भगवन् ! क्या पृथ्वीकायिक जीव सप्रदेश है, या अप्रदेश हैं ? ५ उत्तर - हे गौतम ! पृथ्वीकायिक जीव सप्रदेश भी हैं और अप्रदेश भी हैं । इसी प्रकार यावत् वनस्पतिकायिक तक कहना चाहिये । - सेसा जहा रहया तहा जाव - सिद्धा । आहारगाणं जीवएगिंदियवज्जो तियभंगो । अणाहारगाणं जीवाणं एगिंदियवज्जा छत्रभंगा एवं भाणियव्वा - १ सपएमा वा २ अपएसा वा ३ अहवा सपने य अपने य, ४ अहवा सपएसे य अपएसा य, ५ अहवा सपएसा य अपने य, ६ अहवा सपएसा य अपएसा य | सिधेहिं For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004087
Book TitleBhagvati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy