________________
. ५४६
भगवती सूत्र--- मा. ६ उ. ३ महाकर्म और अल्पकम
वझंति, मया ममियं पोग्गला चिजति, सया ममियं पोग्गला उवचिजंति, मया ममियं च णं तम्म आया दुरूवत्ताए, दुवण्णत्ताए, दुगंधताए, दुरमत्ताए, दुफामत्ताए; अणि?त्ताए, अकंत-अप्पिय-असुभ-अमगुणण-अमणामत्ताए, अणिच्छियत्ताए, अभिज्झियत्ताए, अहत्ताए-णो उड्ढत्ताए; दुक्खत्ताए-णो सुहत्ताए भुजो भुजो परिणमंति ?
१ उत्तर-हंता, गोयमा ! महाकम्मस्स तं चेव । २ प्रश्न-से केणटेणं ?
२ उत्तर-गोयमा ! से जहा णामए वत्थस्स अहयस्स वा. धोयस्म वा, तंतुग्मयस्स वा आणुपुवीए परिभुजमाणस्स सव्वओ पोग्गला बझंति; सव्वओ पोग्गला चिजति; जाव-परिणमंति; से तेणट्रेणं।
३ प्रश्न-से णूणं भंते ! अप्पकम्मस्स, अप्पकिरियस्स, अप्पाऽऽ. सवस्स, अप्पवेयणस्स मव्वओ पोग्गला भिजंति, सवओ पोग्गला छिति, सव्वओ पोरगला विदुधंसंति, मव्वओ पोग्गला परिविद्धं मंति; सया समियं पोग्गला भिजंति, सव्वओ पोग्गला छिजंति, विद्धंस्संति, परिविद्धस्संति, सया समियं च णं तस्म आया सुरूवत्ताए पसत्थं णेयवं, जाव-सुहत्ताए-णो दुक्खत्ताए भुजो भुजो परिणमंति ?
३ उत्तर-हंता, गोयमा ! जाव-परिणमंति ।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org