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________________ भगवती सूत्र - श. ५ उ. ७ परमाणु पुद्गलादि की संस्थिति पर स्थित ) पुद्गल स्वस्थान पर या दूसरे स्थान पर कितने काल तक सकम्प रहता है ? ८७८ १७ उत्तर - हे गौतम ! एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल, जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्येय भाग तक सकम्प रहता है । इसी प्रकार यावत् असंख्येय प्रदेशावगाढ़ तक कहना चाहिए । १८ प्रश्न - - हे भगवन् ! एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल, कितने काल तक freeम्प रहता है ? १८ उत्तर - हे गौतम! जघन्य एकं समय तक और उत्कृष्ट असंख्येय काल तक निष्कम्प रहता है। इसी प्रकार यावत् असंख्येय प्रदेशावगाढ़ तक कहना चाहिए । १९ प्रश्न - एगगुणकालए णं भंते ! पोग्गले कालओ केवच्चिरं होइ ? १९ उत्तर - गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेज कालं; एवं जाव - अनंतगुणकालए, एवं वण्ण-गंध-रस- फासं जावअनंतगुणलुक्खे; एवं सुहुमपरिणए पोम्गले, एवं बादरपरिणए पोग्गले । २० प्रश्न - सहपरिणए णं भंते! पोग्गले कालओ केवच्चिरं होइ ? , २० उत्तर - गोयमा ! जहणणेणं एगं समयं उक्कोसेणं आव लियाए असंखेज्जइभागं; असदपरिणए जहा एगगुणकालए । कठिन शब्दार्थ- सद्दपरिणए - शब्द परिणत Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004087
Book TitleBhagvati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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