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त्रता ४२७, निरपेक्ष आधारित सापेक्षता ही पूर्ण ३२८, निश्चय दृष्टि निरपेक्ष और आचरण में सापेक्षता-यही जैन दृष्टि ४२६ ४. समस्याओं के समाधान में जैन नीति का योगदान ४३०-४४३
आदिकाल से मानव के शांति-प्रयास और उनकी विफलता ४३०, मानव की प्रमुख तीन समस्याएँ ४३२, (१) व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं के जैन दृष्टि से समाधान ४३२ (२) राजनीतिक समस्याओं के समाधान ४३४, (३) आर्थिक सम- ' ' स्याओं के समाधान ४३५, जैन नीति को विश्व को अनुपम देन ४३६, नैतिक निर्णय के आधार ४३६, पाँच प्रकार के व्यवहार ४३६ कार्य सफलता के उपाय ४३८, आत्म-गौरव एवं स्वातंत्र्य ४३९, अहिंसा ४४१, अनेकांत ४४१, अपरिग्रह ४४१, अनाग्रह ४४२, समत्व ४४२। परिशिष्ट : १
४४५-५०७ नीति सूक्ति कोष
४४५-५०७ प्राकृत जैन साहित्य की सूक्तियाँ
४४७-४८१ बौद्ध साहित्य की सूक्तियां
४८२-४८५ वैदिक साहित्य की सूक्तियां
४८५-४६० हिन्दी साहित्य की सूक्तियाँ
४६०-५०३ अंग्रेजी साहित्य की सूक्तियाँ
५०४-५०७ परिशिष्ट : २
५०८-५१२ सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
५०८-५१२
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