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________________ चरित्र ही धर्म है और जो धर्म है वही समत्व हैं। सुखमन स्वर में विदेश के लिए प्रस्थान करने पर कार्य की हानि होगी। अथवा कार्य होने में विलम्ब होगा अथवा मित्र नहीं मिलेगा, यात्रा में मृत्यु, हानि ४६-कौन-सा कार्य कब करने से सफलता मिलेगी ? चन्द्र स्वर (बायां स्वर) में पृथ्वी, जल अथवा दोनों तत्त्वों में, सोम, बुध, गुरु, शुक्रवार को निम्नलिखित कार्यों में सफलता प्राप्त हो (१) पौष्टिक कार्य, (२) मैत्री करण, (३) प्रभुदर्शन, (४) योगाभ्यास, (५) दिव्यौषध सेवन, (६) रसायन कार्य, (७) प्राभूषण धारण, (८) नये वस्त्र पहनना, (६) विवाह, (१०) दान, (११) गृह प्रवेश, (१२) गृहारंभ, (१३) जलाशय निर्माण, (१४) बाग लगाना, (१५) धर्मानुष्ठान, (१६) बंधु मित्र मिलन, (१७) ग्राम-नगर निर्माण, (१८) दूर गमन यात्रा, (दक्षिणपश्चिम) (१६) पानी पीना, (२०) पैशाब करना । (ख) सूर्य स्वर (दायां स्वर) में पृथ्वी, जल अथवा दोनों तत्त्वों में, मंगल, शनि, रविवार को निम्नलिखित कार्यों में सफलता प्राप्त हो (१) शस्त्र-अस्त्र अभ्यास, (२) शास्त्राभ्यास, (३) दीक्षा, (४) संगीत, (५) सवारी, (६) व्यायाम, (७) नौका,. जहाज की सवारी, (८) यंत्र-तंत्र रचना, (६) गिरी (पहाड़), कोट (किले) पर चढ़ना, (१०) विषय-भोग, (११) युद्ध, (१२) पशु-पक्षी का लेना-देना, (१३) काट-छांट करना, (१४) कठोर-हठ योग साधना, (१५) राजदर्शन, (१६) विवाद, (१७) लड़ाईझगड़ा, (१८) किसी से मिलने जाना, (१६) मुकदमे बाज़ी, (२०) सब प्रकार के क्रूर कार्य । ____(ग) कार्य के लिए जहां जाना हो वहां पहुंचकर जिससे काम लेना हो, उस व्यक्ति को उस समय अपना जिस तरफ का श्वास चलता हो उस तरफ रखकर बातचीत का प्रारंभ करना चाहिये । ___ आपको आश्चर्य होगा कि सामने वाला व्यक्ति यदि आपका विरोधी भी होगा तो भी आपकी इच्छानुसार ही कार्य करेगा। ऊपर बतलाई हुई विधि ही उत्तम वशीकरण है । इस विधि को निम्नलिखित कार्यों में उपयोग करने से मनमानी - सफलता मिलेगी ही। ..... Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004078
Book TitleSwaroday Vignan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1973
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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