SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 84
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आजम ज्ञान से शून्य श्रमण स्व तथा पर को नहीं जान पाता। (२) यदि चैत्र सुदि दूज के दिन अपना चंद्र स्वर न चले तो मानना चाहिए कि परदेश में जाना पड़ेगा और वहां भारी दुःख भोगना पड़ेगा-१५६ (३) यदि चैत्र सुदि तीज के दिन अपना चंद्र स्वर न चले तो जानना : चाहिए कि शरीर में गरमी, पित्त ज्वर, रक्त ज्वर आदि रोग होंगे-१५७ (४) यदि चैत्र सुदि चौथ को अपना चंद्र स्वर न चले तो जान लेना चाहिए कि नव मास में अपनी मृत्यु होगी-१५८ (५) यदि चैत्र सुदि पंचमी के दिन अपना चन्द्र स्वर न चले तो जान लेना चाहिए कि अवश्य ही बहुत बड़ा राजदण्ड' होगा-१५६ (६) यदि चैत्र सुदि छठ के दिन अपना चन्द्र स्वर न चले तो जान लेना चाहिए कि इस वर्ष के अन्दर ही भाई अथवा मित्र की मृत्यु होगी–१६० (७) यदि चैत्र सुदि सप्तमी के दिन अपना चन्द्र स्वर न चले तो जान लेना चाहिए कि इस वर्ष में अपनी स्त्री मर जाएगी-१६१ (८) यदि चैत्र सुदि अष्टमी के दिन अपना चन्द्र स्वर न चले तो जानना चाहिए कि इस वर्ष में मुझे कष्ट और पीड़ा अधिक होगी अर्थात् भाग्य योग से ही सुख की प्राप्ति हो सकेगी-१६२ इस प्रकार चैत्र शुक्ल पक्ष की आठ तिथियों में अपने चन्द्र स्वर के बिना फल बतला दिया है । अब यदि उक्त दिनों में अपने चन्द्र स्वर में पृथ्वी अथवा जल तत्त्व आदि शुभ तत्त्व चलते हों तो उत्तम एवं श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती .. पांच तत्त्वों में कार्य सम्बन्धी प्रश्न विचार (दोहा)-तत्त्ववान के कहत हूं, प्रश्न तणौ परसंग । इन विध हिये विचार के, कथिये ६ वचन अभंग ॥१६४॥ ३६-उदयश्चन्द्रेण हितः सूर्येणास्तं प्रशस्यते वायोः । · रविणोदये तु शशिना, शिवमस्तमनं सदा नृणाम् ॥३९।। सितपक्षे रिव्युदये प्रतिपद्दिवसे समीक्ष्यते सम्यक् । शस्तेतर प्रचारौ वायोर्यलेन च विज्ञानी ॥४०॥ (ज्ञानार्णवे) अर्थ-पवन का उदय चन्द्रमां के स्वर में शुभ है, सूर्य अस्त स्वर में प्रशस्त Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004078
Book TitleSwaroday Vignan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1973
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy