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जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा परिशिष्ठ-२
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जलाइवा महिनामा दिनके पक्षिा करने ऐसा करते हो
सो) सत्रकालपाछमें कहा है?---------- एजाजपत्रिकमले में चार लोगरसका काठमग करना कहते
और करतेमारासत्रके मूलपाहमें कहा है एपरिकके पडिकलोमलालोगस्सकर काउसगाकरना कहते
और करते सो सोसलके मूलपाठने की एलोमासी पडिक्कमोनेलालोगस्तका काउस्मागकरना कहते है।
और करतेहोस शसत्रके मूलपाइने कहाकोट एएसवछरीपरिक्कमकलोगस्मका काठस्सगकरना करते
और करतेश मोइसूत्रके मूलपातकह कहते एरपरकीके पेवेक नेला करतेही माउरसत्र के मूलपाइमें कहा पासवळरीके ठकातेला करतोमा सत्रके मूलपाठने कहा था रएर साधुको लाहार करने के पातरे कालोलालघोले रंगने का
स्नेहसो (३२) सत्रके मूल पाठ करू काहे
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