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________________ प्रकाशकीय आणाए धम्मो - आज्ञा में धर्म अत्यन्त आवश्यकता श्री सातक्षेत्र परिचय १. जिनप्रतिमा क्षेत्र. २. जिनमंदिर क्षेत्र ३. जिन-आगम क्षेत्र ४. साधुक्षेत्र, ५. साध्वीक्षेत्र ६. श्रावकक्षेत्र, ७. * १. जिनप्रतिमा क्षेत्र श्राविकाक्षेत्र ● सातक्षेत्र का महत्त्व मस्तक समान, जीवदया - अनुकंपा का महत्त्व पैरों समान । १. द्रव्य संचालन मार्गदर्शन धर्मद्रव्य की आय और व्यय : एक शास्त्रीय मार्गदर्शन २. जिनमंदिर क्षेत्र ३. जिनागम क्षेत्र - ज्ञानद्रव्य ४-५. साधु-साध्वी क्षेत्र ६-७. श्रावक-श्राविका क्षेत्र ८. गुरुद्रव्य ९. जिनमंदिर- साधारण विषयानुक्रम १०. साधारण द्रव्य ११. सर्वसाधारण (शुभ) १६. निश्राकृत १७. कालकृत * Pain Education international १२. सातक्षेत्र १३. उपाश्रय-पौषधशाला-आराधना भवन १४. आयंबिल तप १५. धारणा, उत्तरपारणा, पारणा, नवकारसी खाता पौषधवालों को एकाशना एवं प्रभावना आदि खाता m Forts sonal & Pri Use Only IX X XI XII XIV XV XVII XVIII १ ४ ८ ८ ९ ≈ mm x 2 ११ १३ १३ १४ १५ १६ १६ १६ www.anelibrary of
SR No.004076
Book TitleDharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmdhwaj Parivar
PublisherDharmdhwaj Parivar
Publication Year2012
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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