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बोली किस खाते में ?
१
कुंभ स्थापना
२- अखंड दीपक स्थापना
३ - ज्वारारोपण (यवारोपण)
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४ माणेक स्तंभ आरोपण
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३१ - अंजनशलाका-प्रतिष्ठा बोलियाँ
५ - क्षेत्रपाल पूजन
६ - नंद्यावर्त्त पूजन
७ दश दिक्पाल पट्टक पूजन
८
नवग्रह पट्टक पूजन
९ - अष्टमंगल पट्टक पूजन
१० - सोलह विद्यादेवी पूजन
११ - छप्पन्न दिक्कुमारी की बोलियाँ / नकरा
१२ - चौंसठ इन्द्रों की बोलियाँ / नकरा
१३
भगवान के माता-पिता बनने की
१४ सौधर्मेन्द्र - इन्द्राणी बनने की
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१५ मंत्रीश्वर बनने की
१६ - प्रथम छड़ीदार बनने की
१७ - द्वितीय. छड़ीदार बनने की
१८ - स्वप्नपाठक बनने की
१९
ईशानेन्द्र बनने की
२० - अच्युतेन्द्र बनने की
२१ - हरिणैगमेषी देव बनने की
२२ प्रियंवदा दासी बनने की
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धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ?
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देवद्रव्य
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