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(२७१८) महायक्षः ओसवंशे धरोड़गोत्रे शाह टोकरसी लालजी भार्या अमृतबेन तत्पुत्र धीरजलाल कीर्तिकुमार ने बिंबं भराया व ओसवंशे भण्डारी गोत्रे भभूतमल तत्पुत्र हस्तीमल तत्पुत्र गजराज बाबूलाल चम्पालाल वि० सं० २०२६ ज्ये० सु० ६ गुरौ खरतरगच्छाचार्य श्रीजिनआनंदसागरसूरि पट्टे प्रतिष्ठाचार्य उदयसागरेण
(२७१९) अजितबला-देवी ___ संघवी गनपतचन्द बिजापुर वाला वि० सं० २०२६ ज्ये० सु० ६ गुरु हैद्राबाद नगरे यक्षिणी अजितबला कारापितं खरतरगच्छे आनंदसूरि पट्टे उदयसागरेण
(२७२०) पार्श्वयक्षः ओसवंशे गुजर वोरा मूलचन्द भार्या मंजुलाबेन कारापितं प्रतिष्ठितं वि० सं० २०२६ ज्ये० सु०६ गुरु खरतरगच्छे जिनआनंदसागरसूरि पट्टे उदयसागरेण
(२७२१) पार्श्वयक्षः ओसवंशे श्रीश्रीमाल पटनीगोत्रे भगवानदास तत्पुत्र मोतीलाल भार्या वसन्तबेन सोजत निवासी वि० सं० २०२६ ज्ये० सु० ६ हैद्राबाद नगरे कारापितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छे जिनआनंदसागरसूरि पट्टे उदयसागरेण
(२७२२) जिनदत्तसूरि-मूर्तिः यह बिंब फलोदी निवासी गोलेछा गुलाबचन्द लक्ष्मीचन्द सपरिवार ने भराया श्रीमती बसंतीबाई धर्मपत्नी फूलचन्दजी झाडचूर गुलाबचन्द सपरिवारेन दादासाहब जिनदत्तसूरिजी प्रतिष्ठितं वि० सं० २०२६ आषाढ़ कृ० १० सोमवारे खरतरगच्छ आचार्य आनंदसूरि उदयसागरेण .
(२७२३) शिलालेखः ॐ अहँ नमः । श्रीमाणिक्यस्वामिने नमः॥ तेलंगदेश मुकुटमणि श्रीश्वेताम्बर जैन कुलपाक महातीर्थे माणिक्यस्वामी श्रीआदीश्वर भगवंत श्री महावीर स्वामी आदि अलौकिक जिनबिंबों की यात्रार्थ खरतरगच्छाधिपति परमपूज्य नवांगी टीकाकर स्तंभनतीर्थ प्रगटकर्ता श्री अभयदेवसूरि, श्रीजिनवल्लभसूरि, श्रीजिनदत्तसूरि, श्रीजिनकुशलसूरि, अकबर बादशाह प्रतिबोधक श्रीजिनचन्द्रसूरि-पट्ट-परंपरा में गणाधीश्वर श्रीसुखसागरजी म० सा० के समुदायवर्ती पू० त्रैलोक्यसागरजी म० सा० के शिष्य सिद्धांतवेदी जैनाचार्य वीरपुत्र श्रीजिनआनंदसागरसूरिजी म० सा० एवं गणाधीश्वर श्रीहेमेन्द्रसागरजी म० सा० आज्ञानुयायी प्रतिष्ठाचार्य पू० उदयसागरजी म० सा० पू० महोदयसागरजी म० सा० एवं पू० प्र० श्रीपुण्यश्रीजी म० सोहनश्रीजी म० २७१८. अजितनाथ पार्श्वनाथ मंदिर, हैदराबाद २७१९. अजितनाथ पार्श्वनाथ मंदिर, हैदराबाद २७२०. अजितनाथ पार्श्वनाथ मंदिर, हैदराबाद २७२१. अजितनाथ पार्श्वनाथ मंदिर, हैदराबाद २७२२. अजितनाथ पार्श्वनाथ मंदिर, हैदराबाद २७२३. कुलपाकतीर्थः लेखांक ३८
(खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:)
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