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(२६५१) जिनकुशलसूरि-पादुका जंगम युगप्रधान भट्टारक छोटा दादा साहेब श्रीजिनकुशलसूरीजी वि० सं० १३३० (७) सिवाणा गांव में छाजेड़ गोत्र ना मन्त्री जिल्हागार की धर्मपत्नी माता ज्यतश्री की कुख से जन्म व सं० १३४७ में जिनचंद्रसूरीश्वरजी के पास दीक्षा व सं० १३६६ (७७) अणहीलपुर पटण में आचार्यपद, सं० १३८९ माह (फाग०) वदि ०० देरा० सं०
(२६५२) जिनसागरसूरि-पादुका सं० ...........चैत्र वद २ दिने भट्टारक श्रीजिनसागरसूरिपादुके कारापिते नारायण गणि॥
___(२६५३) हनुसागर-पादुका .............र्थ ह भट्टारक खरतरगच्छे वा। श्री १०८ श्रीजिनरंगजीगणि तच्छिष्य पं। प्र। श्रीहनुसागर मुनिना चरणपादुका प्र० रत्नविजय.........................।
(२६५४) शालालेखः पं० प्र० कीर्तिसमुद्रमुनि। पं० प्र० श्रीज्ञानानन्दजी मुनि ।
(२६५५) शालालेखः पं० प्र० खेममण्डनमुनि।
(२६५६) पुण्यधीर-पादुका वाचक पुण्यधीर पादुका
(२६५७) क्षमाकल्याणमूर्तिः क्षमाकल्या जी की मूर्ति
(२६५८) सुखसागरमूर्तिः पूज्यपाद खरतरगणाधीश्वर श्रीमान् सुखसागरजी महाराज सा० श्राद्धवर्य जतनलालजी डागा की धर्मपत्नी श्रीमती अनोपकुंवरबाई ने स्वकल्याणार्थ स्थापित की। दी० वि० भाद्रपद शुदि ५ स्वर्ग वि० सं० १९४३ माघ कृष्ण ४
२६५१. दादाजी की टोंक, नाकोड़ा: ना० पा० ती०, लेखांक २२१; बा० प्रा० जै०शि०, लेखांक ४९६ २६५२. रेलदादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २१११ २६५३. सुमतिनाथ जिनालय, नागोरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ७४१ २६५४. दादासाहेब की बगीची, चुरू: ना० बी०, लेखांक २४२६ २६५५. दादासाहेब की बगीची, चुरू: ना० बी०, लेखांक २४२४ २६५६. रेलदादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २०६४ २६५७. अजितनाथ देरासर, सुगनजी का उपासरा, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १६७५ २६५८. इमली वाली धर्मशाला, जयपुरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ७४४
(खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:
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