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(२५५३ ) जिनदत्तसूरि- पादुका
श्रीजिनदत्तसूरिजी महाराज चरणपादुकेभ्यो नमः वीर सं० २४४५ विक्रम सं० १९६९ पोष सुदि ९ 'गुरु मेड़तवाल श्री श्रीमल नेमिचंद केकड़ी श्रीश्रीश्री १०८ महाभट्टारक बृहद्खरतरगच्छाधिपति । (२५५४) शिवरामजी - पादुका
नागाब्जखेटाब्जमिते सुवत्सरे सुमाधवे शुक्ल रसाख्यतिथ्यां । पादाब्जन्यासः शिवरामसाधोः सुस्थापितो भक्तजनैः सुभक्त्या ॥ १ ॥
(२५५५) सुमतिमंडनगणि-पादुका
उ० श्रीसुमतिमंडनगणिना चरणपादुका श्रीसंघेन कारापिता सं० १९६८ मिति माघ शुक्ल पंचम्यां तिथौ बुधवासरे शाके १८३३ श्रीरस्तु
(२५५६) पुण्यश्री - पादुका
पूज्यपाद गुरुवर्या श्रीमती पुण्यश्रीजी महाराजसाहेब के चरणों की प्रतिष्ठा वीर सम्वत् २४४७ विक्रमसंवत् १९७० के वैशाख शुक्ल ६ गुरुवार के रोज समस्त श्रीसंघने करवायी ।
(२५५७) कल्याणनिधान- पादुका
सं० १९७० मि० वै० सुद २ शुभदिने.. कुशलमुनि बीकानेर मध्ये
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.. पादुका महो० श्रीकल्याणनिधानगणिनां पं०
(२५५८) दादागुरुदेव - पादुका
श्रीगंगाशहर के मंदिर जी में श्रीऋषभदेवजी महाराज की प्रतिमाजी व दादाजी रा पगलिया चक्रेश्वरीजी सैंसकरणजी सावणसुखा पधराया सं० १९७० जेठ वदि ८
(२५५९) ताम्रयंत्रम्
॥ संवत् १९७० रा शाके १८३५ रा ज्येष्ठ मासे कृष्णपक्षे तिथौ त्रयोदश्यायां चंद्रवासरे ॥ भट्टारक श्रीजिनफत्तेंद्रसूरि प्रतिष्ठितं श्रीमद्रास शूलामध्ये ॥
(२५६० ) प्रेमश्री - पादुका
सं० १९७० रा मिती माह कृ० ३ वार विस्पतवार साध्वीप्रेमश्रीजी महाराज रा चरण प
२५५३. चन्द्रप्रभ जिनालय, केकड़ी: प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ६८० २५५४: मोहनबाड़ी, जयपुरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ७१० २५५५. रेल दादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २०३९
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२५५६. मोहनबाड़ी, जयपुर: प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ६८१ २५५७. रेलदादाजी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २०७१
२५५८. आदिनाथ जी का मंदिर, गंगाशहर: ना० बी०, लेखांक २१७९ २५५९. चन्द्रप्रभ जिनालय, शूलाबाजार, मद्रास : पू० जै० भाग २, लेखांक २०६९ २५६०. रेलदादाजी के बाहर, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २१२६
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