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________________ पादुका लक्ष्मणपुर वास्तव्य समस्त श्रीसंघेन कारितं प्र० च बृहत्खरतरगच्छीय जं। यु। प्र। श्रीजिनचंद्रसूरिपङ्कजभृत् श्रीजिनजयशेखरसूरिभिः। (२२२९) जिनकुशलसूरि-पादुका संवत् १९१३ शालिवाहन शाके १७७८ प्रवर्त्तमाने तिथौ माघ शुक्ल पंचम्यां शुक्रवारे जं । यु। प्र। भट्टारक श्रीजिनकुशलसूरिपादुकां लक्ष्मणपुर वास्तव्य श्रीसंघेन कारितं बृहत्भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरि पट्टालंकृत श्रीजिनजयशेखरसूरिभिः॥ श्रेयोस्तु ॥ श्री (२२३०) शिलालेखः संवत् १९१३ शाके १७७८ तिथौ फाल्गुण कृष्णपक्षे त्रयोदश्यां १३ रवौ श्रीसम्मेतशिखरे बिंबमिदं चैत्यं कारितं श्रीमालवंशे टांकगोत्रीय लाला ज्वालानाथजिद्भार्या मुनीयाख्या तत्पुत्र भैरूंदास सपरिवारेण श्रीमत्कलकत्ता वास्तव्य बृहत्खरतरगच्छीय जं। यु। प्र। भट्टारक श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरि पट्टालंकार श्रीजिनजयशेखरसूरिभिः प्रतिष्ठितं॥ (२२३१) विजययक्षमूर्तिः संवत् १९१३ फाल्गुण शुक्ल सप्तम्यां विजययक्षमूर्ति प्रतिष्ठितं । भट्टारक। युगप्रधान श्रीजिनमहेन्द्रसूरिभिः कारिता च काशीस्थ श्रीश्वेताम्बर श्रीसंघेन। (२२३२) ज्वालादेवी-मूर्तिः संवत् १९१३ फाल्गुन शुक्ल सप्तम्यां ज्वालादेवीमूर्ति प्रतिष्ठितं । भट्टारक। युगप्रधान श्रीजिनमहेन्द्रसूरिभिः कारिता च काशीस्थ श्रीश्वेताम्बर श्रीसंघेन (२२३३) जिनकुशलसूरि-पादुका __॥ सं० १९१४ व० ज्ये। द्वि० । ति। चं। श्रीजिनकुशलसूरिपादौ भ। श्रीजिनमहेन्द्रसूरिभिः का। श्री गो। कन्हैयालालेन मुद्रार्थं। ___ (२२३४) गुणनन्दनगणि-पादुका सं० १९१४ वर्षे मिती ज्येष्ठ शुक्ला ५ शुक्रवारे वा० श्रीगुणनंदनजी गणिनां पादुका तत्शिष्य पं० मतिशेखर मनि प्रतिष्ठितं। (२२३५) प्रीतिकमलमुनि-पादुका सं० १९१४ रा मि० जे० सु० ५ दिने पं० प्र० प्रीतिकमलमुनिनां पादुका स्थापितमस्ति। २२२९. दादाजी का मंदिर, जौहरी बाग, लखनऊ: पू० जै०, भाग २, लेखांक १६३७ २२३०. सुपार्श्वनाथ मंदिर, मधुवन, सम्मेतशिखर: भँवर० २२३१. चन्द्रप्रभ जिनालय, चन्द्रावतीः पू० जै० भाग २, लेखांक १३८२ (ए) २२३२. चन्द्रप्रभ का मंदिर, चन्द्रावती : पू० जै०, भाग २, लेखांक १३८२ (बी) २२३३. लाला हीरालाल चुन्नीलाल देरासर, लखनऊ : पू० जै० भाग २, लेखांक १६२२ २२३४. दादाबाड़ी, रिणी : ना० बी०, लेखांक २४६५ २२३५. रेलदादाजी, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक २०९१ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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