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________________ ........... (२२२२) आदिनाथः ॥सं० १९१२ वर्षे शाके १७७७ फाल्गुनमासे सुदि ३ तिथौ श्रीमालवंशे फोफलीयागोत्रे बहादुरसिंहेन आदिनाथबिंबं कारितं चारित्रउदयउपदेशेन श्रीमबृहद्भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः॥ (२२२३)" ............."नाथः संवत् १९१२ वर्षे फाल्गुन शुक्ल..............श्रीमालवंशे ढोरगोत्रे जीवनलाल तद्भार्या. चारित्रउदयउपदेशेन श्रीमबृहद्भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः॥ (२२२४) उदयराजगणि-पादुका ॥ ॐ ॥ संवत् १९१३ रा शाके १७७८ प्र। मासे मासोत्तममासे माधवमासे शुक्लपक्षे अक्षयतृतीयां तिथौ बुधवासरे खरतरगच्छे पं० । उ० । शिवचंद्रजी गणे: पौत्र शिष्य पं० ।प्र। उदयराजजिच्चरणाब्जन्यासकृतं प्रतिष्ठापितं च। शि। तिलोकचन्द्र नेमिचन्द्रेण कारापितं ॥ (२२२५) शिलालेखः ॥ श्री॥ सं० १९१३ मिति वैशाख सुदि ५ शुक्रवासरे श्रीजिनभक्तिसूरिशाखायां उ० श्रीआनन्दवल्लभगणि । तत् शिष्य पं।प्र। सदालाभमुनि उपदेशात् श्रीअजिमगञ्जवास्तव्य नाहर श्रीखड्गसिंहजी तत्पुत्र श्रीउत्तमचन्दजी तत्भार्या श्रीमयाकुमार एषः श्रीसुमतिजिनप्रासाद कारित: प्रतिष्ठाप्य श्रीसंघाय समर्पितश्च विधिना सतां ॥ जं। यु।प्र। श्रीजिनसौभाग्यसूरिजी विजयराज्ये॥ श्रीरस्तुः ॥ कल्याणमस्तुः॥ श्रीः॥ श्रीः॥१॥ (२२२६ ) शान्तिनाथ-पादुका संवत् १९१३ शाके १७७८ तिथौ माघ शुक्ल पंचम्यां ५ भृगुवासरे श्रीमत्शांतिनाथ जिनदीक्षा कल्याणक पादुका ओसवंशे बैद महतागोत्रीय...................प्रसाद कालिकादास तत्पुत्र अबुजि तत्पुत्र शिखरचंद्रादि सपरिवारेण बृहत्खरतरगच्छीय भ० जिनजयशेखरसूरिभिः श्रेयः __(२२२७) शांतिनाथ-पादुका संवत् १९१३ शाके १७७८ तिथौ माघ शुक्ल पंचम्यां...............दीक्षा कल्याणक पादुका उसवंशे महतागोत्रे.... ( २२२८) शांतिनाथ-पादुका संवत् १९१३ शाके १७७८ तिथौ माघ शुक्ल पंचम्यां परमार्हत् श्रीमत्शांतिजिनमोक्षकल्याण २२२२. श्रीमालों की दादाबाड़ी, जयपुर : प्र० ले० सं०, लेखांक ५८३ २२२३. श्रीमालों की दादाबाड़ी, जयपुर : प्र० ले०सं०, भाग २, लेखांक ५८१ २२२४. मोहनबाड़ी जयपुर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ५७७ २२२५. सुमतिनाथ जिनालय, अजीमगंज : पू० जै०, भाग १, पृष्ठ १ २२२६. चिंतामणि पार्श्वनाथ मंदिर, मुंबई : ब० चिं०, लेखांक २३ २२२७. शांतिनाथ जिनालय, बोहारन टोला, लखनऊ : पू० जै०, भाग २, लेखांक १५३४ २२२८. शांतिनाथ जिनालय, बोहारन टोला, लखनऊः पू० जै०, भाग २, लेखांक १५३३ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः) ३८९) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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