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________________ (२) स्पति वासरे। श्रीमरुधरदेशे श्रीबीकोर नगरे राठोड़ वंश उजागर महाराजाधिराज राजराजेश्वर नरेन्दशिरोमणि श्री रतनसिंहजी विजयराज्ये विक्रमपुर वास्तव्य ओसवालज्ञातीय वृद्धशाखायां समस्त श्रीसंघेन आदिनाथजिनबिंबं कारा(४) पितं। बीकानेरवास्तव्य ओसवालज्ञातीय वृद्धशाखायां समस्त श्रीसंघेन श्रीमहावीरदेव पट्टानुपट्टाविच्छिन्नपंरपरायात् श्रीउद्योतनसू(५) रि श्रीवर्द्धमानसूरि वसतिमार्गप्रकाशक यावत् श्रीजिनकुशलसूरि श्रीजिनराजसूरि श्रीजिनमाणिक्यसूरि यावत् श्रीजिनलाभसूरि श्रीजिनचन्द्रसूरि श्रीजिनहर्षसूरि............बृहत्खरतरभट्टारकगच्छेश जं। यु। प्र। श्रीजिनसौभाग्यसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ (२१११) आदिनाथ: सं० १९०५ रा वर्षे मि० वैशाख शुक्ल १५ तिथौ गुरुवारे लू। सा। ...............श्रीऋषभदेवबिंब का० प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनरत्नसूरिभिः॥ ___(२११२) आदिनाथः सं० १९०५ मि० वैशाख सुदि १५ दिने मोणोत सा० कीरतमलजी भार्या कृष्णादे पुत्र सा० देवराजेन श्रीऋषभदेवबिंबं कारितं प्रतिष्ठापितं च श्रीबृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनरत्नसूरिभिः॥ (२११३) आदिनाथः सं० १९०५ मि० वैशाख सुदि १५ श्रीआदिनाथबिंबं से। अमीचंदजी सपरिवारेण कारितं (२११४) अजितनाथ: ॥संवत् १९०५ वर्षे शाके १७७० प्रवर्त्तमाने वैशाख सुदि १५..........सा० जसराजजी..............प्र० श्री बृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनरत्नसूरिभिः॥ (२११५) अजितनाथः सं० १९०५ वर्षे मि। वैशाख सु १५ गणधर चोपड़ा कोठरी उमेदचंदजी तत्पुत्र माणचंदजी तद्भार्या जड़ावदे तत्पुत्र गेवरचंद श्रीअजितनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीबृहत्खरतरगच्छे जं। यु। प्र। भ। श्रीजिनसौभाग्यसूरिभिः॥ श्री॥ २१११. संभवनाथ जिनालय, अजमेर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ५३९ २११२.संभवनाथ जिनालय, अजमेर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ५४७ २११३. गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर के अन्तर्गत सम्मेतशिखर मंदिर, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक १९६४ २११४. संभवनाथ जिनालय, अजमेर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ५४२ २११५. अजितनाथ देरासर, सुगनजी का उपासरा, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक १६५७ (३७२) (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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