SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 392
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१९०९)" ""नाथः सं० १८८८ ना मा।सु।५। श्रीश्रीमालवंशे इंटोणा गोत्रे सुरतराम पुत्र चुन्नीलालजी तत्पुत्र कालकादासेन लखणेउ नगर वास्तव्येन कारितं प्र। बृहत्ख। श्रीजिनाक्षयसूरि पत्कजचंचरीक श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः॥ (१९१०) युगमन्धरः सं० १८८८ माघ सुदि ५ सोमे श्रीयुगमंधरजिनबिंबं कारितं............ श्रीमालान्वये फोफलिया गो० । .................रायपुत्र सुखरायेण प्र। बृ० .................. (१९११) जिनकुशलसूरि-पादुका सं० १८८८ माघ सुदि ५ सोमे श्रीजिनकुशलसूरिचरणकमलकारितं श्रीमालान्वये फोफलियागोत्रीय वषतमल्ल पुत्र दिलसुखरायेण प्र। बृ। भ। खरतरग। श्रीजिनचंद्रसूरिभिः श्रीजिनाक्षयसूरिपदस्थैः (१९१२ ) सुपार्श्वनाथः सं० १८८८ । मा। ओशवंशे डागागोत्रे। सा० गोकलचंद्रेण श्रीसुपार्श्वनाथबिंब कारितं प्र। बृ। खरतरग। श्रीजिनाक्षयपत्कजचंचरीक श्रीजिनचंद्रसूरिभिः स्वश्रेयोर्थं ॥ (१९१३) सिद्धचक्रयंत्रम् ॥ सं० १८८९ मिति आषाढ़ सुदि १० श्रीसिद्धचक्रयंत्रं प्र। श्रीजिनमहेन्द्रसूरिणा। कारितं वैद कल्याणचंदेन श्रेयोर्थम्। (१९१४) शिलालेखः संवत् १८९० वर्षे मिती वैशाख सित पंचम्यां............. वासरे श्रीपादलिप्तनगरे राजा श्रीगोहिल कांधाजी कुंअर नोंधणजी विजयराज्ये श्रीमिरजापुर वास्तव्य वृद्धशाखायां ऊकेशज्ञातीय सा० उदेचदंजी सेठ........श्रीविमलाचलोपरि कारितं श्रीपद्मप्रभुस्थापितं श्रीबृहत्खरतरगच्छे सकल भट्टारक शिरोमणि जं० युगप्रधान श्रीजिनहर्षसूरिभिः विजयराज्ये पं० प्र० देवचंद्र प्रतिष्ठितं खेमशाखायां श्रीश्री (१९१५) शिलापट्ट-लेख: (१) सं० १८८९ वर्षे शा। १७५४ मिते माघ शुक्ल ६ बुधे राजराजेश्वर म(२) हाराजशिरोमणि श्रीरत्नसिंहजी विजयराज्ये से। गो। सा। बालचंद्र पु(३) त्र केशरीचंद्र पुत्र अमीचंद्र चतुर्भुज रायभाण करमचंद रावत अ १९०९. छीपावसही, शत्रुजय : भँवर० (अप्रका०), लेखांक ५ १९१०. चिन्तामणि पार्श्वनाथ मंदिर, मुम्बई : ब० चि०, लेखांक १० १९११. जैनमंदिर, चन्द्रावती पू० जै० भाग २, लेखांक १६८३ १९१२. पंचायती मंदिर, जयपुर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ४६७ १९१३. संभवनाथ जिनालय, अजमेर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ४६८ १९१४. खरतरवसही, शgजय : भँवर (अप्रका०), लेखांक ९७ ; श० गि० द० लेखांक १२६ १९१५. सम्मेतशिखर जी, गोगा दरवाजा, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक १९६२ (३३४) (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy