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________________ (१७२४) अनागत - चतुर्विंशति- जिनपादुकाः सं० १८६४ मिते वैशाख सुदि ३ दिने अनागतचोविसी ओसवाल वंशे नाहटागोत्रे राजा वच्छराज तत्पुत्र बाबू जगन्नाथस्य भार्या स्वरूपनें इदं चरणं कारापितं श्रेयोर्थं श्रीबृहत्खरतरगच्छे भट्टारक श्रीजिनहर्षसूरिभिः प्रतिष्ठितं श्री लखनऊ नगरे । १७२५) विहरमान - शाश्वत - जिनपादुकाः सं० १८६४ मिते वैशाख सुदि ३ दिने २० विहरमान ४ शास्वतानि भगवानजी के ओसवालवंश कांकरियागोत्रे जेठमल बहादुरसिंह स्वरूपचंद सपरिवारेण चरण बनवाया श्रीबृहत्खरतरगच्छे भ० श्रीजिनहर्षसूरिभिः प्रतिष्ठितं श्रीलखनऊ नगरे । (१७२६) जयधीर - पादुका सं० १८६४ आषाढ़ सुदि १५ जयधीर की पादुका (१७२७) शिलापट्ट - प्रशस्तिः (१) ॥ संवत् १८६४ वर्षे माघ वदि ५ सूर्जवासरे श्रीबृहत्खरतरगच्छे सकल भट्टारक (२) सिरोमणि जंगमयुगप्रधान भ । श्रीश्री १०८ श्री श्री श्री जिनहर्षसूरिजी सूरीश्वरराज (३) श्रीचिन्तामणि पार्श्वनाथ जी महावीरजी सकलसंघ सहितेन श्रीपाताल (४) चैत्य नौतन कारापिते प्रतिष्ठितं । वा । जैराज लिपिकृतं देहरा री दरोगाइ मु प्रसादति सौनक पंच (५) दत्त। श्रीराठौड़वंशे राजश्री जेसिंगदेजी विजै राज्ये । सूत्रधार गजधर सम्भूकृतः (६) जोध हरदेवाजी री बेटी । (१७२८ ) सत्यमूर्ति - पादुका सं० १८६४ रा मिति माघ सुदि ५ तिथौ पं० प्र० श्रीसत्यमूर्तिजी गणिनां चरणन्यास (१७२९) प्रीतिविलास - पादुका श्रीप्रीतिविलासजी गणिनां चरण पादुका मिती माघ सुदि ५ तिथौ सोमवासरे ॥ श्री ॥ (१७३० ) लक्ष्मीराज - पादुका सं० १८६४ रा मिती माघ सुदि शुक्ला ५ तिथौ उ० श्री लक्ष्मीराजजी गणीनां चरणन्यास: पं० रामचन्द्रेण कारापितं ॥ श्री ॥ १७२४. शांतिनाथ जिनालय, बोहारन टोला, लखनऊ: पू० जै० भाग २, लेखांक १५२७ १७२५. शांतिनाथ जिनालय, बोहरन टोला, लखनऊ: पू० जै० भाग २, लेखांक १५२८ १७२६. खरतरवसही, शत्रुंजय: भँवर० (अप्रका० ), लेखांक ८९ १७२७. पार्श्वनाथ जिनालय, गर्भगृह १ का शिलालेख, नाकोड़ा : ना० पा० ती०, लेखांक १०६ ; बा० प्रा० जै० शि०, लेखांक ३२१ १७२८. दादाबाड़ी (गढीसर), जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २८७१ १७२९. दादाबाड़ी, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २८७२ १७३०. दादाबाड़ी, गढीसर तालाब, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २८७३ (३०६) खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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