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________________ (१५८६) माणिक्यमूर्ति-पादुका संवत् १८२५ मिती फागण वदि ६ दिने शनिवारे श्रीबृहत्खरतरगच्छे श्रीकीर्त्तिरत्नसूरिसंताने महो० माणिक्यमूर्तिजीगणि पादुका श्रीरिणी प्र०............। ____ (१५८७ ) आदिनाथ-एकतीर्थीः ___ सं० १८२७ । वै० । सु० । १२ गुढा वास्तव्येन सा० झांझा ऋषभजिनबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीखरतर। भ॥ श्रीजिनलाभसूरि (१५८८) जिनकुशलसूरि-पादुका ___ संवत् १८२७ वैशाख सुदि १२ शुक्रे दादा श्रीजिनकुशलसूरीणां पादुका सा० भाईदासेनकारिता प्रतिष्ठिता च भट्टारक श्रीजिनलाभसूरिभिः। ___ (१५८९) जिनचन्द्रसूरि-पादुका संवत् १८२७ वैशाख सुदि द्वादशी तिथौ शुक्रे दादा श्रीजिनचन्द्रसूरीणां पादुका सा० भाईदासेनकारिता प्रतिष्ठिता च श्रीजिनलाभसूरिभिः। . __(१५९०) यु० जिनचन्द्रसूरि-पादुका संवत् १८२७ प्रवर्त्तमाने वैशाख शुदि १२ तिथौ शुक्रे अकब्बर प्रतिबोधक दादाश्रीजिनचन्द्रसूरि पादुका सा नेमिदास कारिता दास सुत भाईदासेन प्रतिष्ठिता बृहत्खरतरगच्छे भट्टारक श्रीजिनलाभसूरिभिः। (१५९१) जिनकुशलसूरि-पादुका सं० १८२८ मिती वैशाख सु० ६ श्रीजिनकुशलसूरि जी पादुका गुरुवारे (१५९२) शीतलनाथ-एकतीर्थीः सं० १८२८ वै० सु० १२ गुरौ सा। भाईदासेन शीतलजिनबिंबं कारितं प्र। खरतरगच्छे श्रीजिनलाभसूरिभिः सूरत बिं। (१५९३)धर्मनाथ: सं० १८२८ । वै० । सु। १२ गुरौ सेठ भाईदासेन श्रीधर्मनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं बृहत्खरतरगच्छे भ० श्रीजिनलाभ....... १५८६. दादाबाड़ी, रिणी (तारानगर): ना० बी०, लेखांक २४६४ १५८७. पार्श्वनाथ जी का मंदिर, नाहटो में, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक १५२५ १५८८. जै० धा० प्र० ले०, लेखांक ३४१ १५८९. आदिनाथ जिनालय, भायखला, मुम्बई : जै० धा० प्र० ले०, लेखांक ३४२ १५९०. आदिनाथ जिनालय, भायखला, मुम्बई : जै० धा० प्र० ले०, लेखांक ३४३ १५९१. ऋषभदेव जी का मंदिर, नाहटों मे, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १४८६ १५९२. पार्श्वनाथ सेढू जी का मंदिर, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक १९८४ १५९३. चिन्तामणि पार्श्वनाथ मंदिर, मुम्बई : ब० चि०, लेखांक ५ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः २८५) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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