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(२) मंडलाधीश्वर विजयिराजे॥ श्रीचतुर्विंशतितमजिनाधिराज श्रीवीरवर्द्धमानस्वामी (३) निर्वाण कल्याणिक पवित्रित पावापुरी परिसरे श्रीवीरजिनचैत्यनिवेशः। श्री(४) ऋषभजिनराज-प्रथमपुत्र चक्रवर्ती श्रीभरतमहाराज सकलमंत्रिमंडलश्रेष्ठ मंत्रिश्रीदलसन्तानीय
म०
हतिआणज्ञातिशृङ्गार चोपडागोत्रीय संघनायक संघवी तुलसीदास भार्या निहालो पुत्र सं० संग्राम। लघुभ्रातृ गोवर्द्धन तेजपाल भोजराज। रोहदीय गोत्रीय मं० परमाणंद सपरिवार महधा गोत्रीय विशेष धर्म। कर्मोद्यम विधायक ठ० दुलीचंद काद्रड़ा गोत्रीय मं० मदनस्वामीदास मनोहर कुशला सुंदरदास रोहदिया। मथुरादास नारायणदासः गिरिधर सन्तादास प्रसादी। वार्त्तिदिया गो० गूजरमल्ल बूदड़मल्ल मोहनदास। माणिकचन्द बूदमल्ल जेठमल्ल ठ० जगन नूरीचन्द । नान्हरा गो० ठ० कल्याणमल्ल मलूकचन्द
सभा(१०) चन्द। संघेला गोत्रीय ठ० सिंभू कीर्तिपाल बाबूराय केसवराय सूरतिसिंघ। कारड़ा गो०
दयाल(११) दास भोवालदास कृपालदास मोर मुरारीदास किलू । काणा गोत्रीय ठ० राजपाल रामचन्द।। (१२) महधा गो० कीर्तिसिंघ रो० छबीचन्द। जाजीयाण गो० मं० नथमल्ल नंदलाल नान्हड़ा
गोत्रीय। (१३) ठ० सुन्दरदास नागरमल्ल कमलदास ॥रो० सुन्दर सूरति मूरति सबल कृती प्रताप पाहड़िया। (१४) गो० हेमराज भूपति। काणा गो० मोहन सुखमल्ल ठ० गढ़मल्ल जा० हरदास पुरसोत्तम।
मीणवा(१५) ण गो० बिहारीदास बिंदु। मह० मेदनी भगवान गरीबदास साहरेणपुरीय जीवण बजागरा .. गो०। (१६) मलूकचन्द जूझ गो० सचल बन्दी संती। चो० गो० नरसिंघ हीरा धरमू उत्तम वर्द्धमान
प्रमुख श्री। (१७) बिहार वास्तव्य महतीयाण श्रीसंघेन कारितः तत् प्रतिष्ठा च श्रीबृहत्खरतरगच्छाधीश्वर
. युगप्रधान श्री। (१८) जिनसिंहसूरि पट्टप्रभाकर युगप्रधान श्रीजिनराजसूरि विजयमान गुरुराजानामादेशेन कृतं । . (१९) पूर्वदेशविहारे युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरि शिष्य श्रीसमयराजोपाध्याय शिष्य वा० अभयसुन्दर
ग(२०) णिविनेय श्रीकमललाभोपाध्यायैः शिष्य पं० लब्धकीर्त्ति गणि पं० राजहंस गणि देवविजय
ग
(२१) णि थिरकुमार चरणकुमार मेघकुमार जीवराज सांकर जसवन्त महाजलादि शिष्यसन्ततिः
. सपरिवायौँ। श्रीः।
(खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:)
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