SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 239
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (०६) नगरि अनइ संखवाली गामइ उत्तंगतोरण जैनप्रासाद कराव्या । आबू जीराउलइ श्रीसंघि (०७) सुं यात्रा कीधी। जिणइ आपण उदारगुणइ आपणा घरनउ सर्व धन लोकनां देई कोरंटइ कर्ण (०८) नामना लीघी । सं० कोचर पुत्र सं० मूला तत्पुत्र सं० रउला सं० हीरा । सं० रउला भार्या सं० माणिकदे (०९) पुत्र सं० आपमल्ल सं० देपमल्ल । सं० आपमल्ल भार्या कमलादे पुत्र सं० पेथा सं० भीमा सं० जेठा सं० पेथा (१०) भार्या पूनादे पुत्र सं० आसराज सं० मूंधराज पुत्रिका स्याणी । सं० आसराजइ श्रीशत्रुंजयमहातीर्थ (११) श्रीसंघ सहित यात्रा करी आपणा वित्त सफल कीधा । सं० आसराज भार्या चो० सं० पांचा पुत्री गेली (१२) जिणइ श्रीशत्रुंजय - गिरनार - आबूतीर्थे यात्रा कीघी । श्रीशत्रुंजयादि तीर्थावतारपाटी करावी सतोर - (१३) ण सपरिकर श्रीनेमिनाथनां बिंब भरावी श्रीसंभवनाथनइ देहरइ मंडाव्या । समस्त कल्याणकादि(१४) कतपनी पाटी सैलमय करावी । सं० आसराज पुत्र सं० षेता सं० पाता । सं० षेतइ संवत् १५११ श्रीशत्रुंजयगिर (१५) नारतीर्थइ श्रीसंघ सहित यात्रा कीधी । इम वरसइ २ तीर्थयात्रा करता संवत् १५२४ तेरमी यात्रा करी श्रीशत्रुंज (१६) य ऊपरि छअरी पालता श्रीआदिनाथप्रमुखतीर्थकरनी पूजा करता छठ तप करी बिलाष नवकार गुणी चतुर्वि (१७) धसंघनी भक्ति करी आपणा वित्त सफल कीधा ॥ वली चोपड़ा सं० पांचा पुत्र सं० सिवराज सं० महिराज सं० लोला सं (१८) घवी लाषण पुत्रिका सं० गेली । सं० लाषण पुत्र सं० सिषरा सं० समरा सं० माला सं० महणा सं० सहणा सं० कुं (१९) रांप्रमुखपरिवारसहित चो० सं० लाषण संखवाल सं० आसराज पुत्र सं० घेता ए बिहु मिली श्रीजेसलमेरु नगरि ग (२०) ढ़.ऊपरि बिभूमिक श्री अष्टापदमहातीर्थप्रासाद कराव्या । सं० १५३६ वर्षे फागुण सुदि ३ दिने राउल श्रीदेवकर्णराज्ये (२१) समस्तदेसना संघ मेलवी श्रीजिनचंद्रसूरि श्रीजिनसमुद्रसूरि कन्हलि प्रतिष्ठा करावी श्रीकुंथुनाथ श्रीशांतिनाथ मूलना (२२) यक थपाव्या । चउवीस तीर्थंकरनी अनेक प्रतिमा भरावी । सं० षेतइ समस्त मारुयाडि माहि रूपानाणा सहित समकितलाडू (२३) लाह्या । सोनाने आषरे श्रीकल्पसिद्धांतनां पोथां लिखाव्यां । श्रीजिनसमुद्रसूरि कन्हां श्रीशांतिसागरसूरि आचार्यनी प (२४) द स्थापना करावी । श्री अष्टापदतीर्थइ बिहू भूमिकाए जगति करावी बिंब मंडाव्या । सं० घेता भार्या सं० सरसति पुत्र (२५) सं० वीदा सं० नोडा पुत्रिका धानू बीजू । सं० वोडा भार्या सं० नायकदे सं० पूनी । सं० वीदा भार्या सं० अमरादे सं० विमला Jain Education International खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: For Personal & Private Use Only (१८७) www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy