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षड्दर्शन समुच्चय भाग-१, परिशिष्ट-७, दार्शनिक-पारिभाषिक शब्द-सूची
देव
देश
तीर्थेश तिल तिलक तीव्र तुरङ्गम तुरुष्क तुष तृण तृणस्पर्श तेज तेजस् तैजसशरीर तैमिरिकज्ञान तैर्थिक
दैन्य
दंश
दक्षप्रजापति दण्ड दधिव्रत दन्त दरिद्र
नय
धर्मसाधनी देवच्छन्द
धर्मानुप्रेक्षा देवता
धर्मायतन देवदत्त
धर्मास्तिकाय देवसुन्दरसूरि धर्मोत्तर देवागम
धातकी
धातुरक्ताम्बर देशसंवर
धारणा
धारावाहिकज्ञान द्रवत्व द्रव्य
[न] द्रव्यकल्पना नकुली द्रव्यगुणादि
नक्षत्र द्रव्यत्व
नक्त द्रव्यप्राण
नन्दादि द्रव्यभेद
नपुंसक द्रव्यैकान्त
नभोजीव द्वयणुक
नभोऽम्बोज द्वादशतत्त्व द्वादशाक्षरजापी नयचक्रवाल द्वादशाङ्ग
नयवाद द्वादशायतन
नरक द्वाविंशतिपरीषहपरिषहण| नरसिंह द्विज
नवकोटिविशुद्ध द्विजगृहाशन नवोदक द्विरोमक
नाग्न्यलिङ्ग
नामकल्पना द्रोण
नारद 1 [ध] नारायणदेव
नास्तिक धर्मकीर्ति
नास्तित्वसंबन्ध धर्मता
निगड धर्मद्रव्य
निगम धर्मधातु
निगमन धर्मबुद्धसङ्घरूपरत्नत्रय
निगोद धर्मबुद्धि
निग्रहस्थान . धर्मलाभ
निग्रहस्थानं धर्मसंग्रहणी नित्य
नित्यचित्
न्यायप्रवेश नित्यसमा
न्यायबिन्दु नित्यैकसर्वज्ञ न्यायभूषण निमित्त
न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका निमित्तकारण न्यायवार्तिकतानिम्ब
त्पर्यपरिशुद्धि नियति
न्यायविनिश्चयटीका नियतवादी न्यायालंकारवृत्ति निरंशसद्
न्यायसारटीका निरनुयोज्यानुयोग न्यायसार निरन्वयविनाशी न्यायसत्रभाष्य निरपेक्ष
न्यायावतार निरर्थकम्
न्यूनम् निराकार
[प] निरीश्वर
पक्ष निवर्तक
पक्षधर्मत्व निश्चितान्यथानुपपत्ति | पञ्चकेन्द्रिय निरोध
पञ्चग्रासीपरा निर्गुण
पञ्चभूतात्मक निर्ग्रन्थगुरु
पञ्चमहाभूत निर्जरा
पञ्चमस्वर निर्जरातत्त्व
पञ्चरूप निर्णय
पञ्चलक्षणहेतुवादी निर्वर्तक
पञ्चविंशतिगुण निर्वाण
पञ्चशिख
पञ्चसमिति निर्वृत्ति
पञ्चस्कन्ध निःप्रतिकर्मशरीरि पञ्चावयव निःश्वास
पञ्चावयवानुमान नीहार
पञ्चास्तिकाय नैयायिक
पटल नोदनालक्षण
पटह नोदया
पतञ्जलि न्याय
पद्म न्यायकन्दली पद्मनाभ न्यायकलिका पद्मराग न्यायकुसुमांजलितर्क | पनस न्यायकुमुदचन्द्र पयोव्रत
दर्दुर
निर्विकल्पक
दर्शन दान दान्तेन्द्रिय दारवी दिक् दिक्पट दिग् दिग्नाग दिगम्बर
द्वेष
धर्म
दिवा
दुःख दुःखव्यावृत्ति दुःखसमुदय दुष्करतरतपश्चरण दूषणाभास दृष्टान्त
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