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VIII
२३. शास्त्र की प्रतिष्ठा गिरानेवाले आचरण की निन्दा २४. 'पुण्य को जन्म देने वाला पुण्य' आदि
२५. पुण्य को जन्म देने वाले पुण्य का प्रधान फल २६. तीर्थंकर का दान सचमुच महान् है
२७. तीर्थंकर का दान निष्फल नहीं
२८. राज्य आदि का दान करने पर भी तीर्थंकर दोष के भागी नहीं
२९. सामायिक का स्वरूप
३०. केवल (सर्वविषयक) ज्ञान
३१. तीर्थंकर का धर्मोपदेश
३२. मोक्ष
उपसंहार
परिशिष्ट - १ ( श्लोकानामकारादिक्रमेण सूची )
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