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________________ २५. कितनी पम्परातक मोक्षमार्ग चलता रहातीन पाटतक " (अर्थात् तीन शिष्य-प्रशिष्य तक) २६. उनके शास्त्र में मोक्ष जाने का केवलज्ञान होने के बाद चार १५ प्रारम्भ कब हुआ? वर्ष व्यतीत हुए तब प्रकीर्णक जानने योग्य बहुत सी बातें १. उपदेश किस पर बैठकर देते? देवों द्वारा निर्मित समोसरण में अथवा सुवर्ण कमल के ऊपर २. क्या प्रतिदिन प्रवचन देते? ३. प्रतिदिन कितना समय देते? प्रातः, दोपहर दोनों समय, प्रत्येक समय में एक प्रहर देते। प्रहर से तीनघण्टा (कुल दो प्रहर अर्थात छह घंटे) ४. कौनसी भाषा में देते? अर्धमागधी र प्राकृत (सर्वभाषाओं की जननी) मे ५. उन के शास्त्र गणघरो ने मुख्य रूप से अर्धमागधी प्राकृत में किस भाषा में रचे? ६. आप तप की पूर्णाहूति में, अन्नदान प्रथम अथवा तृतीय भव में दाता की क्या गति होती? मोक्षप्राप्त करने वाला हो ७. भिक्षा समय में पंच दिव्य कौन से (१) वस्व, (२) सुगन्धित जल वृष्टि होते है? (३) वसुधारावृष्टि (१२॥) लाख (करोड़) स्वर्णमुदा की दृष्टि (४) 'अहोदान' की घोषणा, (५) दुन्दुभि नाद ८. उनके शासन में कितने लोगों पुरुष और स्त्रियाँ मिलकर ने तीर्थकर नाम कर्म उपार्जित किया? नौ व्यक्तियों ने ९७ १. उनके तीर्थ में रुद कौन हुए? सत्यकी १०. उनके तीई में कौन से दर्शन वैशेषिक दर्शन की की उत्पत्ति हुई? ११. भगवान की आश्चर्यजनक पाँच " (गर्भापहरण, प्रथम उपदेश घटनाएँ कितनी हुई? निकल, इत्यादि) १२. साधुओं के महावत कितने? पाँच १०० १३. श्रावकों के अणुव्रत कितने? बारह १४. चारित्र के प्रकार कितने? पाँच १०३ १५. मूलतत्त्वों की संख्या कितनी? नौ अथवा तीन १६. सामायिक व्रत के कितने प्रकार? चार १७. प्रतिक्रमण कितने प्रकार का? पाँच ०५ १८. छह आवश्यक प्रतिक्रमण प्रातः, सायं (नियमित दो बार) कितनी बार करने के? १९. संयम चारित्र के कितने प्रकार? सत्रह १६ २०. आचार पालन सुलभ अथवा दुर्लभ अत्यन्त दुर्लभ २१. मुनि कैसे वस्त्र प्रयोग करते? श्वेत,१०० रंगबिना के और सामान्य कोटि के २२. उस समय की प्रजा का प्रधान वक्र-जड़ अर्थात् सरलता कम रूपसे स्वभाव कैसा था? और बुद्धि की प्रगल्भता कम २३. भारत में भगवान का अधिकांश पूर्वोत्तर भारत में, विहार कहाँ-कहाँ हुआ? उसके अतिरिक्त पश्चिम भारत तक २४. कितने राजा भक्त ? अनेक भगवान के ७२ वर्ष की आयुष्य काल का संक्षिप्त विभाजन १. गृहस्थ अवस्था का समय ३० वर्ष २. दीक्षापर्याय का काल ४२ वर्ष (और इतनेही चातुर्मास) ३. छवस्थावस्था का काल १२|| वर्ष और १५ दिन ४. केवलज्ञान का समय २९ वर्ष ५॥ महीने ५. सम्पूर्ण आयुष्य काल ७२ वर्ष सम्पूर्ण (प्राचीन जैन पद्धति की विशिष्ट गणना के आधार पर) आवश्यक तिथियों की सूची ईस. पूर्व ५९९ में भगवान का जन्म विक्रमपूर्व ५४२ में भगवान का जन्म " ५६९ में भगवान की दीक्षा " ५१२ में भगवान की दीक्षा " ५५९ में भगवान केवली सर्वज्ञ बने " ५०० में भगवान केवली बने " ५२७ में भगवान का परिनिर्वाण हुआ . ४७० में भगवान का परिनिर्वाण परिशिष्ट सं. १२ श्वेताम्बर और दिगम्बर ग्रन्थों के मतांतर की सूची भूमिका:- भगवान श्री महावीर के चरित्र की अधिकांश बातों में दोनो संप्रदाय के बीच साम्य है। परन्तु जहाँ-जहाँ असाम्य है, उनमें से बहुत सी बातें निम्न तालिका के अन्तर्गत दी गयी है। इस तालिका को देखने से भगवान श्री महावीर के जीवन के विषय में दोनों सम्प्रदायों के बीच का अन्तर स्पष्ट होगा, इतना ही नहीं, अपितु एकही सम्प्रदाय के भीतर किस प्रकार की भिन्न-भिन्न परम्पराये थी उसकी भी जानकारी होगी। श्वेताम्बर मतानुसार दिगम्बर मतानुसार श्वेताम्बर मतानुसार दिगम्बर मतानुसार उत्तरपु. तिलोय. १. मानाम त्रिशला २. जन्मभूमि कुण्डपुर, कुण्डलपुर, उत्तराफाल्गुनी ४. दीवातिथि का.कृष्णा १० ५. दीक्षासाधी कोई नहीं ६. आय तप छह (बेला) ७. आच पारणु बहुल के यहाँ ८. प्रथम पारणा कोल्लाक हरिवंश. प्रियकारिणी कुण्डपुर उत्तराषाड़ा मार्गकृष्णा १० कोई नहीं अट्ठम (तेला) | हरिवंश. १३. श्रावक संख्या १ लाख ५९ हजार एक लाख १४. श्राविकासंख्या ३ लाख १८ हजार तीन लाख १५. पक्रिय लब्धिपारी ७०० ९०० १६. माता एक अथवा दो? दो १७. गर्ष परावर्तन हुआ था? हाँ, १८. विवाह हुआ था? हाँ १९. दीक्षा समय में माता-पिता नहीं थे २०, आयोपदेश की प्रथम ही दिन | ६६ दिन बाद २१. सफल उपवेश पावा मध्यमा में विपुलाचल कहाँ विया | पर्वतपर कुलग्राम ९. छपस्य काल १२॥ वर्ष १५ दिन १०. केवलज्ञान नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी ११. केवलज्ञानस्थल अजुवालिका १२. सावी संख्या ३६ हजार १२ व. १५ दि. मघा ऋजुकुला |३५हजार ३६ हजार ३६ हजार Jain Education International For Personal & Pilvale Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004065
Book TitleTirthankar Bhagawan Mahavir 48 Chitro ka Samput
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashodevsuri
PublisherJain Sanskruti Kalakendra
Publication Year2007
Total Pages301
LanguageHindi, Gujarati, English
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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