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________________ परिवार वर्णन ६. प्रथम क्षीर किसमें ली? गृहस्थ के द्वारा दिये गये पात्र में ७. उत्कृष्ट तप कितने महीने का किया?६ महीने ५ के उपवास का ८. अभिग्रह किये थे? हाँ, विविध प्रकार से किये थे ९. सम्पूर्ण तप कितना? १६६ दिन के निर्बल उपवास का १०. साधिक १२॥ वर्ष के उपवास के तप में पारणा-भोजन के दिन कितने? ११. साधना काल का क्षेत्र कौन था? पूर्व और उत्तर भारत का प्रदेश १२. साधिक १२॥ वर्ष की साधना अन्तर्मुहूर्त, अर्थात् दो पड़ी का ४८ मिनट) में प्रमाद-७ निद्राकाल? १३. उपसर्ग हुए थे? हाँ, गोवाल, कटपुतना, शूलपाणि, संगम, चण्डकौशिक इत्यादि का १४. किसने किये थे? मनुष्य, देव और तिर्यंचों ने १५, साधना किस आसन पर की? बहुपा खड़े खड़े - कायोत्सर्ग मुद्राआसन से (-जिन मुद्रा से) १६. साधना के मुख्य साधन क्या थे? संयम, तप, ध्यान, मौन १. गण संख्या २. गणघरों की संख्या म्यारह ३. साधुओं की संख्या चौदह हजार (स्वहस्त दीक्षित) ४. साध्वीओं की संख्या छतीस हजार ८ (स्वहस्त दीक्षित) ५. श्रावकों की संख्या एक लाख उनसठ हजार ९ (सभी बारह, धर्म व्रतधारी, वत बिना के अन्य भक्तलोग लाखों थे) (दिगम्बर मते १ लाख) ६. श्राविकाओं की संख्या तीन लाख अठारह हजार (सभी बारह व्रतधारी) व्रत बिनाके श्रावक श्राविकाओं की संख्या अनेक लाखों में थी (दि. मते ३ ला.) ७. केवलज्ञानी मुनियों की संख्या सात सौ ८. मन पर्यवज्ञानी मुनियों की संख्या पाँचसो ९. अवधिज्ञानवाले १ मुनियों की संख्या तेरह सौ १०. चौदह पूर्वघर ७२ मुनियों की संख्या तीन सौ ११. वैक्रिय लब्धिधारी मुनियों की संख्या सातसौ १२. वादी (वाद-विवाद में श्रेष्ठ) चार सौ मुनियों की संख्या १३. सामान्य मुनियों की संख्या दस हजार नवासी १४. प्रकीर्णक मुनियों की संख्या । चौदह हजार १५. प्रत्येक बुद्ध मुनियों की संख्या चौदह हजार १६. अनुत्तर विमान में जानेवाले आठ सौ मुनियों की संख्या ४. केवलज्ञान कल्याणक और उससे सम्बद्ध प्रधान जानकारी १. केवल ज्ञान, मास और तिथि वैशाखशुक्ला दशमी (ई.पू. ५५७) २. दिवस का नाम सुव्रत (शास्त्रीय नाम) ३. मुहूर्त का नाम विजय (शास्त्रीय नाम) ४. केवलज्ञान का समय चतुर्थ प्रहर-सायंकाल ५. केवलज्ञान समय की राशि कन्या ६. केवलज्ञान समय की आयु ४३ वर्ष ७. केवलज्ञान का स्थान जृम्भिक ५० ग्राम के बाहर का ऋजुबालिका नदी के पास का खेत (बिहार प्रान्त) ८. केवल ज्ञान के समय कोई दूसरे एक भी नहीं शिष्य साथ थे क्या? ९. उस समय शरीर पर वस्त्र था? नहीं. १०, दूसरा कोई साधन या व्यक्ति साथ में था? नहीं, सर्वथा अपरिग्रही-अकिंचन ११. साधना के समय में उपदेशादि देते? विशिष्ट उपदेश के रूप में कुछ नहीं बोलते, जरूर हो तो वार्तालाप कर सकते है। १२, केवलज्ञान किस वृक्ष के नीचे हुआ? साल (शाल) ५२ वृक्ष के नीचे १३. केवलज्ञान किस आसन पर हुआ? उत्कटुक अथवा गोदोहिका ५३ १४. केवल ज्ञान के समय तप कौनसा? छट्ठ (दो उपवास) तप १५. अतिशय कितने? चौतीस १६. वाणी के गुण कितने? पैतीस५५ १७. प्रातिहार्य कितने? आठ १८, आधोपदेश और आद्य समोवसरण की वैशाख शुक्ला दशमी स्थापना कब? ५. निर्वाण-मोक्ष कल्याणक और उससे सम्बन्धित जानकारी १. मोक्ष गमन-मास और तिथि कार्तिककृष्णा अमावस्या (ई.पू. ५२१) (गुज. आश्विन कृष्ण अमास) २. मोक्ष समय का नक्षत्र स्वाति ३. मोक्ष समय की राशि ४. निर्वाण-मोक्ष समय की आयु ७२ वर्ष" (मतांतरे साधिक ७२) ५. मोक्ष के समय संवत्सर कौन सा था? चन्दनाम का द्वितीय संवत्सर ७५ ६. मोक्ष प्राप्त हुए उस मास का नाम प्रीतिवर्धन (शास्त्रीय नाम) ७. मोक्ष प्राप्त हुए, उस पक्ष का नाम नन्दीवर्धन " (शास्त्रीय नाम) ८. मोक्ष को प्राप्त हुए, उस दिनका नाम अम्निवेश्य अपवा उपशम ९. मोक्ष को प्राप्त हुए, उस रात्रि का नाम देवानन्दा अथवा निरति (शास्त्रीयनाम) १०. मोक्ष समय का लव कौनसा? अर्च० (यह शास्त्रीय नाम है) ११. मोक्ष समय का प्राण कौनसा? मुहूर्त' (शास्त्रीय नाम) १२. मोक्ष समय का स्तोक कौनसा? सिद्ध-२ (शास्त्रीय नाम) १३. मोक्ष समय का करण कौनसा? नाग (तृतीयकरण) (शास्त्रीय नाम) १४. मोक्ष समय का मुहूर्त कौनसा? सर्वार्थसिद्धि (पिछली रात का) १५. मोक्ष समय का नगर कौनसा? पावामध्यमा-अपापापुरी (प्राचीनकाल में मगधवर्ती थी और वर्तमान में बिहारवर्ती) १६. मोक्ष समय का स्थल कौनसा? हस्तिपाल राजाके लेखकों की शाला १७. मोक्ष के समय उपदेश कितने घण्टे अखण्ड ४८ घण्टे तक तक दिया? १८. किस आसन से मोक्ष को प्राप्त हुए? पर्यकासन से अथवा पचासन से १९. मोक्ष प्राप्ति के पश्चात् अशरीरी ४-२/३ हाथ की उनके आत्मा की अवगाहना कितनी? २०. मोक्ष समय का तप छह (दो उपवास) तप २१. मोक्ष के समय मोक्ष प्राप्त करनेवाले कोई भी नहीं अन्य थे? २२. मोक्ष प्राप्ति का समय कौनसा? पिछली रात का २३. कौन से आरा-काल में मोक गये? चतुर्थ आरा के अन्त में २४. मोक्षगमन के समय चतुर्थ आरा तीन वर्ष साढ़े आठ महीने कितना बाकी पा? अपने तीर्थ (शासन) की स्थापना और अन्य जानकारी १. तीर्थोत्पत्ति कब? केवलज्ञान प्राप्ति के दूसरे दिन दूसरी बार के समवसरण में २. तीर्थ स्थापना का मास और तिथि वैशाखशुक्ला एकादशी (दि. मते श्रा. व. १) ३. तीर्थ का विच्छेद कब होगा? पाँचवे आरा के अन्तिम दिन के दो-प्रहर के बाद ४, प्रथम गणघर का नाम? इन्दभूति ५. प्रथम साध्वी का नाम? चन्दनबाला ६. प्रथम श्रावक का नाम? शंख २ ७. प्रथम श्राविका का नाम? ८. भक्त राजाओं में प्रधान मगधेश्वर 'श्रेणिक' भक्तराजा कौन? ९. शासन यक्ष का नाम? मातंग ६५ १०. शासन यक्षिणी का नाम? सिद्धायिका सुलसा ८६ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004065
Book TitleTirthankar Bhagawan Mahavir 48 Chitro ka Samput
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashodevsuri
PublisherJain Sanskruti Kalakendra
Publication Year2007
Total Pages301
LanguageHindi, Gujarati, English
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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