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________________ श्रुत-मनिन्द्रियस्य ||22|| सूत्रार्थ : श्रुत मन का विषय है। विवेचन : यहाँ श्रुत शब्द का अर्थ श्रुतज्ञान किया है और अनिन्द्रिय का अर्थ मन का विषय है। पांच इन्द्रियों के अतिरिक्त मन भी एक इन्द्रिय है। मन ज्ञान का साधन तो है पर स्पर्शन आदि इन्द्रियों की तरह बाह्य साधन नहीं है। वह आन्तरिक साधन है। मन का विषय परिमित नहीं है। बाह्य इन्द्रियाँ केवल मूर्त पदार्थ को और वह भी अंश रूप से ग्रहण करती है, जबकि मन मूर्त-अमूर्त सभी पदार्थों को अनेक रूपों में ग्रहण करता है। मन का कार्य विचार करना है, जिसमें इन्द्रियों के द्वारा ग्रहण किये गये और न ग्रहण किए गये, विकास की योग्यता के अनुसार सभी विषय आते हैं। यह विचार ही श्रुत है। उदाहरण के लिए धर्म शब्द कानों में पड़ा, अब धर्म के जितने भी अर्थ और रूप है, वे एकदम मस्तिष्क में आ गये, श्रुतधर्म, चारित्रधर्म, मानवधर्म आदि यह सम्पूर्ण मनन क्रिया मन के द्वारा हुई। इस अपेक्षा से श्रुत को मन का विषय बताया है। वाय्वन्तानामेकम् ||23|| सूत्रार्थ : वायुकाय पर्यन्त जीवों की एक इन्द्रियाँ ही होती है। विवेचन : पृथ्वीकाय, अपकाय, वनस्पतिकाय, तेउकाय और वायुकाय से सब जीवों में मात्र एक स्पर्शन इन्द्रिय होती है, इसलिए ये सभी एकेन्द्रिय जीव कहलाते हैं। कृमि-पिपीलिका-भ्रमर-मनुष्यादीनामेकैक-वृद्धानि ||24|| सूत्रार्थ : कृमि, चींटी, भंवरा और मनुष्य आदि की क्रमश: एक-एक इन्द्रिय अधिक होती है। सूत्र 14 में इनका विवेचन हो गया है। संज्ञी और असंज्ञी की विचारणा संज्ञिनः समनस्काः ।।25।। सूत्रार्थ : मन वाले जीव संज्ञी होते हैं। _ विवेचन : यह हित है और यह अहित इस प्रकार के गुण-दोष विचार को संज्ञा कहते हैं। प्राय: एकेन्द्रिय आदि प्रत्येक जीव अपने इष्ट विषय में प्रवृत्ति करता है और अनिष्ट विषय से निवृत्त होता है, फिर भी मन की स्वतन्त्र सत्ता स्वीकार की गयी है अत: इसका कारण यह है कि तुलनात्मक अध्ययन, लोक-परलोक का विचार, हिताहित का विवेक आदि कार्य ऐसे है जो मन के बिना नहीं हो सकते हैं। इस कारण मन की स्वतन्त्र सत्ता स्वीकार की गयी है। यह मन जिनको होता है, वे संज्ञी होते है अन्य नहीं। Jamn Education International
SR No.004061
Book TitleTattvartha Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirmala Jain
PublisherAdinath Jain Trust
Publication Year2013
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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