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प्रत्येक वनस्पतिकाय
1. एक शरीर में एक जीव ।
2. बादर जीव ।
3. सूर्य का प्रकाश पड़ता है
अतः नुकसान दायक नहीं है।
4. फल या फुल गिरने या तोड़ने पर किसी
अन्य फल, फूल डाल आदि को कोई नुकसान नहीं होता है।
5. भूमि उपजाऊ रह सकती है।
6. इसके कारण हम ऑक्सीजन लेते है।
सीप
• बेइन्द्रिय
बिच्छु
प्रत्येक और साधारण वनस्पतिकाय में अंतर
साधारण वनस्पतिकाय एक शरीर में अनंत जीव ।
सूक्ष्म और बादर दोनों जीव । सूर्यप्रकाश नहीं पड़ता है
अतः रोग का कारण है।
शख
कौडी
बेइन्द्रिय : जिन जीवों को स्पर्श (शरीर) और रस (जीभ) यह दो इन्द्रियाँ होती है, वे बेइन्द्रिय जीव कहलाते हैं। जैसे कृमि, शंख, सीप कृमि आदि।
तेइन्द्रिय कहलाते हैं। जैसे चींटी, जूं, खटमल आदि ।
टिड्डा
एक आलू या गाजर लेने पर पूरे पौधे को उखाडना पड़ता है।
कुछ समय बाद भूमि बंजर बन जाती है। पौधे आदि न रहने के कारण ऑक्सीजन (Oxygen) नहीं रहता ।
तेइन्द्रिय : जिन जीवों को स्पर्श, रस और घ्राण (नाक) यह तीन इन्द्रियाँ होती हैं वे जीव
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पंचेन्द्रिय : जिन जीवों को स्पर्श, रस, घ्राण, चक्षु और श्रोत (कान) ये पांच इन्द्रियाँ होती हैं वे पंचेन्द्रिय कहलाते हैं। जैसे मनुष्य, पशु, पक्षी, देव तथा नारक ।
खटमल
पंचेन्द्रिय
तेइन्द्रिय
चउरिन्द्रिय : जिन जीवों को स्पर्श, रस, घ्राण और चक्षु (आंख) ये चार इन्द्रियाँ होती हैं वे जीव चउरिन्द्रिय कहलाते हैं। जैसे बिच्छु, मक्खी, भंवरा, मच्छर आदि।
चींटा
चींटी
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