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श्रमण बेलगोला का पुरावैभव विस्तार और पर्वत शिला को तराशकर उभारे गये सैंधव तपस्वी बाहबलि
सैंधव पुरालिपि अंकित
पुरा कालीन जिनालय की सीढ़ियां
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1 जिन श्रमण शायिका
2 गुणस्थानारोहण
3 मानस्तंभ दर्शन
4 युगल निकट भव्य तपस्वी
इन स्थलों पर चामुण्डराय पूर्व काल से ही प्रतिदिन हजारों पर्यटकों ने आकर धूमा, इन्हें रौंदा तो है किंतु संभवतः इन्हें देखा नही । कदाचित देखा भी है तो पहचाना नही अन्यथा ये पूर्व मे ही प्रकाशित हो जाते। कुछ मतिभृष्ट पर्यटकों ने पुरातत्त्व संरक्षित पहरे में रहते हुए भी इन्हें नष्ट किया है और अब भी उपेक्षित ये नष्ट हो रहे हैं। अतः पाठकों के ध्यानाकर्षण हेतु इन्हें यहाँ दर्शाया जा रहा है।
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