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पिटटा
प्रथ्वीकाय
काली मिट्टी
सरोवर
स्वर्ण
करा
चाँदी
ल
हरितणु
तडकाय
बिजली
काष्ट अग्नि
धनवात
कोयला
अर्गन 1
अग्नि
ICO
मवीर
1. पृथ्वीकाय :- मिट्टी, नमक, पत्थर आदि जो खाने व किसी काम के उपयोग में आवे उनका प्रमाण करना। 2. अप्काय :- जो पानी स्नान करने, कपडे धोने व पीने के काम में आवे उसका प्रमाण करना।
अपकाय 3. तेउकाय :- चुल्हा, भठी, चिराग, गेस, बिजली, स्वीच आदि का प्रमाण करना। 4. वायुकाय :- झुला, पंखा,
वायुकाय ऐ.सी. आदि की मर्यादा रखना।
गना 5. वनस्पतिकाय :हरी वनस्पति आदि का प्रमाण करना। 6. त्रसकाय :निरपराधी चलते
फिरते जीवों को न मारने का नियम रखना, अनजाने में मर जाए उसका मिच्छामि दुक्कडम् देना।
* तीन कर्म :1. असिकर्म :- तलवार, कैंची, सूई, चाकु, मिक्सी आदि शस्त्रों की संख्या रखकर नियम करना। 2. मसिकर्म :- कागज, कलम, दवात पेन, पेन्सिल आदि लिखने - पढने के साधन का प्रमाण करना। 3. कृषिकर्म :- खेती, बगीचा आदि का प्रमाण करना।
इन चौदह नियम को चितारने वाले प्रातःकाल सूर्योदय के समय और सायंकाल के समय शुद्धभूमि पर बैठकर प्रथम तीन नवकार गिनकर निम्नलिखित पच्चक्खान लें।
" देसावगासियं भोगपरिभोगं पच्चक्खामि अण्णत्थणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि।"
चक्राकार
उत्कालिक
पोक वनस्पति के 2 बेट
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