SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 125
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ इन रेसिपी को प्रस्तुत करने का हमारा आशय : * प्रमुख रुप से जैन धर्म, जैन कुल, परमात्मा के शासन को प्राप्त करके इस घोर कलियुग में होटल और अभक्ष्य खान-पान के द्वारा बहुत से लोग अपना जीवन दूषित कर रहे हैं, बहुतों के शरीर रोगों से पीडित हो गए है एवं उनके तन मन धन शिथिल होते जा रहे हैं। * अपना अभक्ष्य खान पान बंध हो और जिनाज्ञा अनुसार जीवन जीकर अपने शरीर का पोषण और आत्मसाधना सही रूप से हो एवं प्रभु की आज्ञा मुजब वस्तुकी काल मर्यादा प्रमाण (भक्ष्य) उपयोग कर योग्य आहार का सेवन कर सकें। * जिसके द्वारा शरीर की शुद्धि हो, उत्तरोत्तर परिणाम शुद्धि और आत्मशुद्धि हो एैसी अंतर की भावना है। * मावा पेडा सामग्री: : इलाइची पाउडर :- 1 टेबलस्पून 1. एक पित्तल की मोटी कढाई में धीमी आंच पर मावे और शक्कर को मिलाकर हिलाते रहे। जब तक मावा हलका गुलाबी रंग का और शक्कर पिघल न जाए तब तक हिलाते रहे। सेका हुआ मावा :- 1 किलो *fafe: - 2. जब मावा और शक्कर का मिश्रण कढाई के साईड छोड दे तब कढाई आंच से उतार दे और मिश्रण को ठण्डा हो तब तक हिलाते रहे। 3. अब इस मिश्रण के 50-60 भाग करके पेडे के आकार बनालें । 4. दो - तीन घण्टो तक ठंडा होने दे। * मावा बनाने की सामग्री दूध * विधि : :- 1 कटोरी शक्कर :- 400 ग्राम : ****** मैदा :- 2 चमच 1. घी गरम करके मैदा सेके। एकदम लाल न होने दे। 2. इसमें धीरे से दूध डाल दे और डालते डालते हिलाते रहे, ताकि गांठे न पडे । इस मिश्रण को मोटा होने तक हिलाते रहे। 3. मिश्रण मोटा पड जाए तब उसमें फिटकरी डाल दे। इससे यह मिश्रण फट जाएगा। मिश्रण को हिलाते रहे। 4. मावा जैसा कठण हो जाए तब आंच से उतार दे। ज्यादा लाल न होने दे। : नोट - यह मावा जिस दिन बनाया हो उसी दिन उसका उपयोग करें। यही ज्यादा गाढा कर लें तो दूसरी दिन चल सकता है। घी : :- 1 चमच एक चपटी फिटकरी For Personal 120 www.jainelibrary.org
SR No.004052
Book TitleJain Dharm Darshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirmala Jain
PublisherAdinath Jain Trust
Publication Year2011
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy