SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * द्रव्य से :- अनंत द्रव्य * क्षेत्र से :- संपूर्ण लोक प्रमाण ! असंख्यात, अनंत प्रदेशी है। * काल से :- अनादि, अनंत और शाश्वत है। * भाव से :- रुपी है, अजीव है। * गुण से :- पूरण, गलन, विध्वंसन। * अजीव के 14 भेद * धर्मास्तिकाय अधर्मास्तिकाय आकाशास्तिकाय काल पुद्गलास्तिकाय स्कंध देश प्रदेश स्कंध देश प्रदेश स्कंध देश प्रदेश स्कंध देश प्रदेश परमाणु * स्कंध :- परमाणुओं के समूह को स्कंध कहते हैं अथवा अनेक प्रदेश वाले एक पूरे द्रव्य को स्कंध कहते हैं। जैसे अनेक दानों से बना हुआ मोतीचूर का अखंड लड्डु। * देश :- स्कंध का एक भाग जो विभाजन योग्य हो । जैसे अनेक कणों वाले मोतीचूर के लड्ड़ का एक भाग। * प्रदेश :- स्कंध का सबसे सूक्ष्म अंश जो विभाजित नहीं हो सके । जैसे अनेक कणों वाले मोतीचूर के लड्डु का एक अविभाज्य कण। * परमाणु :- संपूर्ण वस्तु से अलग हुआ (स्वतंत्र अस्तित्व वाला) एक सूक्ष्म अविभाजित अंग । जैसे लड्ड से प्रथक् हुआ निर्विभाज्य (जिसका विभाजन नहीं हो सके) कण परमाणु है। अणु जब स्कंध से जुडा रहे तो प्रदेश कहलाता है और अलग हो जाय तब परमाणु कहलाता है। 137 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.004051
Book TitleJain Dharm Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirmala Jain
PublisherAdinath Jain Trust
Publication Year2011
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy