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________________ . . . . मनुष्य के 303 भेद 15 कर्म भूमि के मनुष्य 30 अकर्म भूमि के मनुष्य 56 अन्तर्वीप के मनुष्य | 101 गर्भज मनुष्य 101 गर्भज पर्याप्ता मनुष्य 101 गर्भज अपर्याप्ता मनुष्य 101 समूर्छिम अपर्याप्ता मनुष्य मनुष्यों के 303 भेद 15कर्म भमि 56 अन्त द्वीप कुंभ समूच्छिम गर्भज 5 भरत 5 रम्यक वर्ष 5 हैरण्यवत (अपर्याप्त अवस्था ) समूर्च्छिम गर्भज 5 ऐरवत 5 देवकुरु 5 उत्तरकुरु गर्भज समूर्छिम 5 महाविदेह 5 हैमवत 5 हरिवर्ष (समूर्छिम गर्भज पर्याप्त अपर्याप्त समूर्च्छिम गर्भज (समूर्छिम) सममि गर्भज अपर्याप्त पर्याप्त पर्याप्त अपर्याप्त अपर्याप्त पर्याप्त पर्याप्त अपर्याप्त अपर्याप्त पर्याप्त पर्याप्त ) अपर्याप्त 15 कर्मभूमि के मनुष्य 30 अकर्म भूमि के मनुष्य 56 अन्तर्वीप के मनुष्य भेद-101 गर्भज पर्याप्ता मनुष्य भेद-101 गर्भज अपर्याप्ता मनुष्य भेद -101 समूर्छिम अपर्याप्ता मनुष्य कुल- 303 मनुष्य के भेद 101 ..60 Anathshaltegrit
SR No.004050
Book TitleJain Dharm Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirmala Jain
PublisherAdinath Jain Trust
Publication Year2010
Total Pages118
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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