________________
सकर्मक क्रियाओं से बने हुए नियमित भूतकालिक कृदन्त के वाक्य - प्रयोग
1. रविसेणायरिय-पसाएं कइराएं बुद्धिए अवगाहिय ।
1/2/9
आचार्य रविषेण के प्रसाद से कविराज के द्वारा बुद्धि से अवगाहन
किया गया।
2. मइँ वायरणु ण जाणियउ ।
—
—
3. तेण पंच-महाय-कव्वु ण णिसुणिउ ।
7.
—
4. णरवरेण महियले उत्तमंगु णाविउ ।
9.
-
5. कुम्में धरणि - वीढु धरियउ ।
-
मेरे द्वारा व्याकरण नहीं जाना गया।
उसके द्वारा पाँच महाकाव्य नहीं सुने गये।
राजा के द्वारा धरती पर शीश नवाया गया।
-
8. तेण सलिल - झलक्क आमेल्लिय |
कछुए के द्वारा धरती की पीठ धारण की गई।
6. भीम - सुभीमेहिँ पुव्व-भवन्तर हें अवरुण्डिर ।
5/7/11
- भीम सुभीम के द्वारा पूर्व जन्म के स्नेह के कारण आलिंगन किया
गया ।
भडारउ जिणु सिंहासणे ठविउ ।
आदरणीय जिन सिंहासन पर स्थापित किये गये ।
-
76]
उसके द्वारा पानी की धारा छोड़ी गई |
देवेहिँ खन्धु देवि उच्चाइउ ।
देवों के द्वारा कन्धा देकर उठा लिया गया ।
10. सूरें मेरु गिरि परियंचिउ ।
सूर्य के द्वारा मेरु पर्वत की प्रदक्षिणा की गई।
Jain Education International
1/3/2
1/3/7
For Personal & Private Use Only
1/8/2
1/10/2
2/3/8
4/10/7
2/11/2
2/7/6
[ पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त - संकलन
www.jainelibrary.org