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8.
9.
अट्ठारह जुवइ-सहासइँ सीयहे पासु समल्लियइँ। 49/12/घ.
अठारह हजार युवतियाँ सीता के पास आकर मिली।
णं सरवरे सयवत्तइँ पप्फुल्लियइँ ।
मानो सरोवर में कमल खिल गये हों ।
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तृतीया विभक्ति का वाक्य-प्रयोग रोसिएण हणुवन्तेण सो सरेहिं ताडिउ ।
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46/5/9
रूठे हुए हनुमान के द्वारा वह तीरों से आहत किया गया ।
49/12/घ.
षष्ठी विभक्ति का वाक्य - प्रयोग
तहिं अवसरे तासु हत्थु गणि- गण - विष्फुरियहे णिय छुरियहे उप्परि गउ । 76/2/2
उसी अवसर पर उसका हाथ मणि-गण से चमकती हुई छुरी के ऊपर गया।
पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त - संकलन ]
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