________________
27. भिन्देवि भिन्द + एवि भेदने के लिए 10/3/5 28. मलेवि मल + एवि दलन करने के 51/4/5
लिए 29. मारेवि मार + एवि मारने के लिए 25/13/8 30. मुयवि मुय + अवि छोड़ने के लिए 15/13/5 31. रंजेवि रंज + एवि खुश करने के 50/12/8
लिए 32. लेवि ले + एवि ग्रहण करने के 18/2/5
लिए 33. वन्देप्पिणु वन्द + एप्पिणु वन्दना करने के 6/2/5
लिए 34. वहेवि वह + एवि वध करने के 40/15/6
लिए 35. वावरेवि वावर + एवि युद्ध करने के 12/9/8
लिए 36. संघारेवि संघार + एवि संहार करने के 37/3/घ.
लिए 37. समारुहेवि समारुह + एवि चढ़ने के लिए 18/2/7 38. समारेवि समार + एवि करने के लिए 37/3/घ. 39. समोडेवि समोड + एवि युद्ध करने के 48/1/1
लिए 40. सुपरिट्ठवेवि सुपरिट्ठव + एवि प्रतिष्ठापना के 19/1/4
लिए
41. सोसेवि 42. हणेवि 43. हरेवि
सोस + एवि हण + एवि हर + एवि
सुखाने के लिए 23/7/6 मारने के लिए 35/13/2 अपहरण करने 16/4/7 के लिए
पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन]
[31
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org