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________________ हँसा जाना, जैसे - नरिंदेण हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा - राजा के द्वारा हँसा जाना चाहिए नरिंदेहिं हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा - राजाओं के द्वारा हँसा जाना चाहिए परिवर्तनीय प्रत्ययों से निर्मित विधि कृदन्त जब कर्मवाच्य में प्रयुक्त किया जाता है तब कर्ता तृतीया (एकवचन अथवा बहुवचन) में होता है। कर्म जो द्वितीया (एकवचन अथवा बहुवचन) में होता है, उसको प्रथमा (एकवचन अथवा बहुवचन) में परिवर्तित किया जाता है तथा कृदन्त के रूप प्रथमा में परिवर्तित कर्म के अनुसार प्रयुक्त होते हैं। जैसे - नरिंदेण सो कोकिअव्वो - राजा के द्वारा वह बुलाया जाना चाहिए नरिंदेण सा कोकिअव्वा - राजा के द्वारा वह बुलायी जानी चाहिए अपरिवर्तनीय प्रत्ययों से निर्मित विधि कृदन्त जब कर्मवाच्य में प्रयुक्त किया जाता है तब कर्ता तृतीया (एकवचन अथवा बहुवचन) में, कर्म प्रथमा विभक्ति में होगा किन्तु कृदन्तरूप में कोई परिवर्तन नहीं होगा। जैसे नरिंदेण सो कोकिएव्वउं/कोकेव्वउं/कोकेवा : राजा के द्वारा वह बुलाया जाना चाहिए ___ नरिंदेण सा कोकिएव्वउं/कोकेव्वउं/कोकेवा : राजा के द्वारा वह बुलायी जानी चाहिए यहाँ विभिन्न प्रकार के कृदन्तों की परिभाषा व उनमें प्रयुक्त प्रत्ययों की प्रयोगविधि स्पष्ट करने के बाद आगे के पृष्ठों में विभिन्न प्रकार के कृदन्तों की सूची व उनके वाक्य-प्रयोग दिये जा रहे हैं। कृदन्त काव्य में जिस विभक्ति/रूप में प्रयुक्त हुए हैं , उन्हें उसी रूप में दिया जा रहा है। कृदन्तों के अर्थ व सन्दर्भ भी साथ ही दिये जा रहे हैं। सन्दर्भ संधि/कडवक/पंक्ति के क्रम में दिये गये हैं। . संकलित कृदन्त व उनके वाक्य-प्रयोग अपभ्रंश के आदिकवि 8] [पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004047
Book TitlePaumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Seema Dhingara
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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