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9. परिशिष्ट (क) कृदन्तों में प्रयुक्त अकर्मक क्रियाएँ 1. अच्छ - रहना/होना 2. अच्छ : बैठना 3. अत्थम - अस्त होना 4. अमिड : भिड़ना 5. आणंद : आनंदित होना 6. आवट्ट - विलीन होना 7. उग्गम - उदित होना
8. उच्छल - उछलना 9. उट्ठ - उठना
10. उड्ड - उड़ना 11. उत्तर ः उतरना
12. उत्थर - उछलना 13. उत्थल्ल - उछलना 14. उप्पज्ज : उत्पन्न होना 15. उम्मिल्ल - प्रकाशित होना 16. उम्मील : विकसित होना 17. ओणल्ल - लटकना 18. ओयर - उतरना . 19. ओराल : गरजना
20. ओरुम्म : रुकना 21. ओवड : गिरना
22. ओसर : हटना 23. ओहट्ट - हटना
24. ओहट्ट : नष्ट होना 25. कंद - विलाप करना
26. कंप : काँपना 27. कलह - युद्ध करना
28. करकरयर : करकराना 29. कसमस : कसमसाना 31. किलकिल - किलकिलाना 32. खल : स्खलित होना 33. खलखल - खलखल की 34. खस - गिरना
आवाज करना 35. खुह - क्षुब्ध होना
36. खेल - खेलना 37. गज्ज - गरजना
38. गल : गलना 39. गलगज्ज : गरजना 40. गुप्प - व्याकुल होना 41. गुलगुल - गुलगुल की 42. घवघव : घवघव की आवाज करना
आवाज करना 100]
[पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन
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