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________________ रोह अकारान्त पु., नपुं. 57 इकारान्त पु., स्त्री.22 रूप अकारान्त पु., नपुं. 15, 21 स्वरूप अकारान्त पु., नपुं. 41, 45 निरोध अकारान्त पु. 46 रोकना अकारान्त नपुं. 34 लक्षण अकारान्त पु., नपुं. 6 लोक अकारान्त पु. 19, 20 अकारान्त पु. 14, 22, 51 लोकाकाश अकारान्त पु. 19, 22 रोहण लक्खण लोक लोग लोय लोयायास/ लोगागास वट्टण परिवर्तन वण्ण वर्ण वणप्फदि वनस्पति वद व्रत वय/वअ ववहार व्यय व्यवहार अकारान्त पु., नपुं. 21 अकारान्त पु. 7 इकारान्त पु. 11 अकारान्त पु., नपुं. 35, 45, 57 अकारान्त पु. 14 अकारान्त पु. 3, 6, 7, 8, 9, 10, 21, 39 अकारान्त पु. 45 अकारान्त पु. अकारान्त पु. उकारान्त पु. इकारान्त पु. 55 ववहारणय व्यवहारनय वसह ऋषभ प्रमुख वाउ वायु वित्ति वृत्ति द्रव्यसंग्रह (87) www.jainelibrary.org Jain Education International For Personal & Private Use Only
SR No.004046
Book TitleDravyasangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2013
Total Pages120
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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