SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 16. सद्दो बंधो सुमो थूलो संठाण भेद तम छाया । उज्जोदादवसहिया पुग्गलदव्वस्स पज्जाया ।। सो बंधो सुहुमो थूलो * संठाण (मूलशब्द) * भेद (मूलशब्द) *तम (मूलशब्द) छाया उज्जोदादवसहिया पुग्गलदव्वस्स पज्जाया (सद्द) 1 / 1 ( बंध) 1 / 1 (सुहुम) 1 / 1 वि (थूल) 1 / 1 वि (संठाण) 1 / 1 (भेद) 1/1 (तम) 1 / 1 (छाया) 1 / 1 [(उज्जोद) + (आदवसहिया ) ] [(उज्जोद) - (आदव) - ( सहिय) 1 / 2 वि] (26) Jam Education International [ ( पुग्गल ) - ( दव्व) 6 / 1] (पज्जाय) 1/2 शब्द बंध For Personal & Private Use Only सूक्ष्म स्थूल संस्थान भेद तम छाया उद्योत, आतप सहित अन्वय- सद्दो बंधो सुहुमो थूलो संठाण भेद तम छाया उज्जोदादवसहिया पुग्गलदव्वस्स पज्जाया । अर्थ - शब्द, बंध (बंधन), सूक्ष्म, स्थूल, संस्थान (आकृति), भेद (टुकड़े-टुकड़े होना ), तम ( अंधकार ), छाया, उद्योत (प्रकाश), आतप (सूर्य, अग्नि आदि की गर्मी) सहित - ( ये सब ) पुद्गल द्रव्य की पर्यायें ( हैं ) । पुद्गल द्रव्य की पर्यायें प्राकृत में किसी भी कारक के लिए मूल संज्ञा शब्द काम में लाया जा सकता है। (पिशलः प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, पृष्ठ 517 ) द्रव्यसंग्रह www.jainelibrary.org
SR No.004046
Book TitleDravyasangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2013
Total Pages120
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy