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________________ द्रव्यसंग्रह से प्राकृत भाषा कैसे सीखें? द्रव्यसंग्रह से प्राकृत भाषा सीखने के लिए कुछ सोपान दिए जा रहे हैं जिनको हृदयंगम करने से आप सरल एवं सुचारु रूप से प्राकृत भाषा सीख सकते ontc 1. लं + vio सर्वप्रथम आप ‘प्राकृत रचना सौरभ' में से प्रारम्भिक (पृष्ठ vii, viii) पढ लें। द्रव्यसंग्रह में दी गयी संकेत-सूची समझ लें। द्रव्यसंग्रह में दिये गये संज्ञा-कोश, क्रिया-कोश, कृदन्त-कोश, विशेषणकोश, संख्या-कोश, सर्वनाम-कोश, अव्यय-कोश का अध्ययन कर लें। द्रव्यसंग्रह की मूलगाथा एवं व्याकरणिक विश्लेषण को पढ लें। गाथाओं के अन्वय एवं व्याकरणात्मक अनुवाद को व्याकरणिक विश्लेषण के साथ पढ़ें। संज्ञा एवं सर्वनाम शब्दों की रूपावली के लिए 'प्राकृत रचना सौरभ' के पाठ 84 का अध्ययन कर लें। संख्यावाची शब्दों की रूपावली के लिए 'प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ' (भाग-1) के पाठ 4 का अध्ययन कर लें। अनियमित कर्मवाच्य और अनियमित भूतकालिक कृदन्त के लिए प्राकृत अभ्यास सौरभ' के अभ्यास 39 एवं अभ्यास 40 का अध्ययन कर लें। अंत में द्रव्यसंग्रह की गाथाओं में प्रयुक्त छंदों को समझना उपयोगी होगा। इस प्रकार अध्ययन करने से आप प्राकृत भाषा को भलीभाँति सीख 7. 8. सकेंगे। द्रव्य सग्रहtion International For Personal & Private Use Only www.jaineli(5)rg
SR No.004046
Book TitleDravyasangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2013
Total Pages120
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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