________________
[ छियालीस ]
भा. सं. जै. ध. यो. दा.
महापुराण /--/---
महाभारत /---/--~~/~~-~
मा. च.
मूला.
मूला. / पू.
मूला. / उत्त.
मो. पा.
या. औ. उ. सा.
यु. अनु.
यो. सा.
र. क. श्री.
लिं. पा.
वरांगचरित / -- ~/---
वायुपुराण /---/---
वि. टी. / भ. आ.
विशे. भा.
विष्णुपुराण /--/---/---
व्या. प्र. /---/---/--~
शो. प्र.
श्र. भ. म.
श्वे.
ष. ख. /---/---,---,
Jain Education International
जैनपरम्परा और यापनीयसंघ / खण्ड २
भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान । सर्ग क्रमांक / श्लोक क्रमांक ।
पर्व क्रमांक / अध्याय क्रमांक / श्लोक क्रमांक ।
माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई ।
मूलाचार ।
मूलाचार / पूर्वार्ध ।
मूलाचार / उत्तरार्ध ।
मोक्खपाहुड।
यापनीय और उनका साहित्य |
युक्त्यनुशासन ।
योगसार
रत्नकरण्ड श्रावकाचार ।
लिंगपाहुड |
वरांगचरित / सर्ग क्रमांक / श्लोक क्रमांक ।
वायुपुराण / अध्याय क्रमांक / श्लोक क्रमांक ।
विजयोदयाटीका / भगवती आराधना ।
विशेषावश्यक भाष्य ।
विष्णुपुराण / अंश क्र. / अध्याय क्र./ श्लोक क्र. । व्याख्याप्रज्ञप्ति / शतक क्रमांक / उद्देशक क्रमांक / प्रश्नोत्तर क्रमांक
शोलापुर प्रकाशन ।
श्रमण भगवान् महावीर ।
श्वेताम्बर ।
षट्खण्डागम / पुस्तक क्रमांक / खण्ड क्रमांक, भाग क्रमांक, सूत्र क्रमांक ।
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org