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शब्दविशेष-सूची /५९७ खमण (क्षपण, क्षपणक) : देखिये 'क्षपण'। गुणस्थानविकासवाद (वादी) ११ खमण पासंडी (दिगम्बरमुनि) ३६४ गुणस्थानसिद्धान्त ११ खरा सो मेरा (डॉ० सुदीप जैन) ५८२ गुप्तकालीन जिनप्रतिमाएँ १८, ४१२ खारवेल, खारवेलसिरी (जैनसम्राट) ४०५, गुफा-अभिलेख (तमिलनाडु) ४७८
४२४-४२८,५१७, ५२३-५२६, ५३७- गुरुपरम्परा से प्राप्त दि० जैन आगम : एक ५३९
इतिहास १३३, १३७ खारवेल (राजा) और उसका वंश (लेख
गुलाबचन्द्र चौधरी (डॉ०) ४७, ७५, ४३४, __ मुनि कल्याणविजय जी) ५२६ ।
५६४ खारवेल (राजा) और उसका वंश (लेख
गिही ओदातवसन अचेलसावक (नग्न बाबू कामताप्रसाद) ५३१
निर्ग्रन्थों के श्वेतवस्त्रधारी श्रावकखारवेल (राजा) और हिमवन्त थेरावली
अंगुत्तरनिकाय) ३१२ (लेख–मुनि कल्याण-विजय जी) ५४०
गुहनन्दी (आचार्य) ६५, १४२ खारवेल (चक्रवर्ती) और हिमवन्त थेरावली (लेख-काशीप्रसाद जायसवाल) ५५४
गृध्रपिच्छ (आचार्य, तत्त्वार्थसूत्रकार) १०, खारवेल-प्रशस्ति और जैनधर्म की प्राचीनता
१३२ (काशीप्रसाद जायसवाल) ४०५
गृही-पात्र ४७५ खारवेल-प्रशस्ति : पुनर्मूल्यांकन (चन्द्र
गोकुल ३७४ कान्तबाली, शास्त्री) ४०५, ५२३, ५२५ गोदास ४७६ खुद्दकनिकाय (बौद्ध पिटकसाहित्य का एक गोदासगण ४११, ४७६ भाग) ३१३, ३४०
गोदासगण का अभिलेख (दक्षिण भारत में) खुशरो नौशेरवाँ २५८
४७६
गोदासगण की चार शाखाएँ ४७६ गगनपरिधान २७३
गोपांचल ४७७ गणधर (आचार्य) ४५७
गोप्यसंघ (यापनीयसंघ) ४९, ५०, ४७७, गणभेद (ग्रन्थ) ५०९
४८५, ५६०, ५७२ गण्डादित्य, गण्डरादित्य (राजा) ५०६ । गोम्मटसार १३७ गन्धधूपसुमनोदीप (पूजा द्रव्य) १४२ गोवर्धन (श्रुतकेवली) १३२, ४४७ गुच्छक २६
ग्रन्थ (परिग्रह) ७, १३८, १३९ (आभ्यन्तर, गुणधर (आचार्य) १३२ गुणभद्र (आचार्य) १३२, ३७५ गुणरत्नसूरि (षट्दर्शनसमुच्चय-टीकाकार) चक्रधरभिक्षु ५६ ४९,४८६ ।
चण्डराय (राजा) ५२७
बाह्य)
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