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० वि०सं०] तिथि/मिति
प्रतिमालेख/शिलालेख प्राप्तिस्थान
सन्दर्भ ग्रन्थ
प्रतिष्ठापक आचार्य या मुनि का नाम
Jaimucationalocational
अध्याय-५
१९०. | १५११ | ज्येष्ठ सुदि ३ | मुनिशेखरसूरिसंतानीय
महेन्द्रसूरि के पट्टधर रत्नाकरसूरि
चन्द्रप्रभ की प्रतिमा पर | संभवनाथ जिनालय, | नाहर, पूर्वोक्त, भाग १, उत्कीर्ण लेख
अजीमगंज, मुर्शिदाबाद| लेखांक २३.
गुरुवार
|१९१. | १५१२ | वैशाख सुदि १० | श्रीसूरि
सोमवार
अजितनाथ की धातु की | श्रीमालों का मन्दिर, | विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | जयपुर
| लेखांक ६११.
|१९२. | १५१३ | मार्गशीर्ष सुदि १०| मेरुप्रभसूरि के सोमवार
पट्टधर राजरत्नसूरि
चिन्तामणि जी का | नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक ९७३. मन्दिर, बीकानेर
| १५१३ | माघ सुदि ३
शुक्रवार
। सर्वदेवसूरि
पद्मप्रभ की प्रतिमा पर | ऋषभदेव का बड़ा | दौलतसिंह लोढ़ा, पूर्वोक्त, उत्कीर्ण लेख
मंदिर, थराद. लेखांक २२०.
| १९४. | १५१६ | आषाढ़ सुदि ९ | मेरुप्रभसूरि
शुक्रवार
शांतिनाथ की धातु की | विमलनाथ जिनालय, | विनयसागर,पूर्वोक्त, भाग ३, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | कोटा
लेखांक १०४
|१९५. | १५१६ | मार्गशीर्ष वदि ५ | सागरचन्द्रसूरि
पद्मप्रभ की प्रतिमा पर | चन्द्रप्रभ जिनालय, | नाहर, पूर्वोक्त, भाग ३,
उत्कीर्ण लेख | जैसलमेर लेखांक २३३८.
१९६. | १५१७ | ज्येष्ठ सुदि
| पासचन्द्रसूरि (सत्यपुरीय शाखा)
सुमतिनाथ की धातु की | चिन्तामणि पार्श्वनाथ | बुद्धिसागरसूरि, पूर्वोक्त, भाग २, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | जिनालय, खम्भात | लेखांक ५८४.
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