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क्र०
वि०सं० तिथि/मिति
१८३. १५०८
१८४.१५१०
१८५. १५१०
१८६. १५१०
१८७. १५१०
१८८. १५१०
१८९.१५११
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चैत्र वदि ८ बुधवार
आषाढ़ सुदि २
गुरुवार
माघ सुदि ५
तिथिविहीन
ज्येष्ठ सुदि ३
गुरुवार
प्रतिष्ठापक आचार्य या मुनि का नाम
""
मतिसुन्दर
शांतिसुन्दरसू
महेन्द्रसूरि
अमरप्रभसूरि के पट्टधर रत्नचन्द्रसूरि
पूर्णचन्द्रसूर
महेन्द्रसूरि के पट्टधर रत्नाकरसूरि
प्रतिमालेख/शिलालेख
चन्द्रप्रभ की प्रतिमा
पर उत्कीर्ण लेख
अभिनन्दन स्वामी की
पंचतीर्थी प्रतिमा पर
उत्कीर्ण लेख
पार्श्वनाथ की
पंचतीर्थी प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
शांतिनाथ की धातु की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
कुन्थुनाथ की पंचतीर्थी प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
पद्मप्रभ की धातु की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
प्राप्तिस्थान
हेमाभाई की ट्रंक,
शत्रुंजय
शांतिनाथ जिनालय
चांदलाई
सुमतिनाथ जिनालय,
रतलाम
शांतिनाथ जिनालय,
चुरु
वीर जिनालय, सांगानेर
आदिनाथ जिनालय, जानीशेरी, बड़ोदरा
माणिसागर जी का मन्दिर, कोटा
सन्दर्भ ग्रन्थ
मुनि कंचनसागर, शत्रुंजयगिरिराजदर्शन, लेखांक ४२१.
विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, लेखांक ४५२.
वही, भाग १, लेखांक ४५३.
नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक २४०९.
विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, लेखांक ४६६.
बुद्धिसागरसूरि, पूर्वोक्त, भाग २, लेखांक १५४.
विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, लेखांक ४७१.
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बृहद्गच्छ का इतिहास