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________________ Jalcularua क्र० वि० सं० | तिथि/मिति । प्रतिष्ठापक आचार्य या मुनि का नाम | प्रातमालख/शिलालेख | प्राप्तिस्थान प्रतिमालेख/शिलालेख | प्राप्तिस्थान | सन्दर्भ ग्रन्थ अध्याय-५ a TORTOTTER १६६. |१४९९ श्रेयांसनाथ की धातु की | आदिनाथ जिनालय, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख गागरडू | विनयसागर, पूर्वोक्त, भाग १, | लेखांक ३३३. १६७. | १५०० | मार्गशीर्ष वदि २ | रत्नप्रभसूरि के शिष्य शनिवार । महेन्द्रसूरि आदिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | श्रीगंगागोल्डेनजुबली | म्यूजियम, बीकानेर | नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक २१५७. | | वही, लेखांक २१५२. Tom Personal Private Use Only |१६८. |१५०१ । वैशाख सुदि ३ | देवाचार्यसंतानीय महावीर की पाषाण | वही जिनरत्नसूरि, मुनिशेखरसूरि, प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख श्रीतिलकसूरि, श्रीभद्रेश्वरसूरि, के शिष्य मुनीश्वरसूरि के पुण्यार्थ देवभद्रगणि ने महावीर की प्रतिमा बनवायी जिसे रत्नप्रभसूरि के पट्टधर महेन्द्रसूरि ने स्थापित की। वही वही, लेखांक २१५४. १६९. | १५०१ | वैशाख सुदि २ | देवाचार्यसंतानीय सोमवार रत्नप्रभसूरि के पट्टधर महेन्द्रसूरि अजितनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख www.jainelibrary.org १७०. | १५०१ । वैशाख सुदि ३ | , संभवनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | वही वही, लेखांक २१५३. 605
SR No.004033
Book TitleBruhad Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2013
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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