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सन्दर्भ ग्रन्थ
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क्र० | संवत् | तिथि/मिति ग्रन्थ का नाम | मूल प्रशस्ति/ | प्रशस्तिगत आचार्य | प्रतिलिपिकार
प्रतिलेखन प्रशस्ति | मुनि का नाम १५२० | चैत्रसुदि ५ | किरातार्जुनीय-अवचूरि | मूल प्रशस्ति । जयप्रभसूरि | जयप्रभसूरि
सोमवार
अध्याय-७
Catalogue of Sanskrit and Prakrit, Mss. Muniraja Shree Punya Vijaya, Collection. Ed. A.P. Shah. प्रशास्ति क्रमांक ४७५३ पृ०२७७|
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१५२७
२. १५२० | माघ सुदि ५ | क्रियाकलाप प्रतिलेखनप्रशस्ति | जयप्रभसूरि एवं उनके | जयप्रभसूरि गुरुवार
शिष्य पूर्णकलश १५२१ मार्गशीर्ष वदि ४ | नन्दीसूत्र प्रतिलेखनप्रशस्ति जयसिंहसूरि के शिष्य | जयप्रभसूरि रविवार
जयप्रभसूरि १५२३ कार्तिक सुदि २ | प्रश्नोत्तररत्नमाला प्रतिलेखनप्रशस्ति | जयप्रभसूरि | जयप्रभसूरि
शुक्रवार चैत्र सुदि ७ | शब्दपदार्थीसूत्रवृत्ति । प्रतिलेखनप्रशस्ति जयप्रभसूरि एवं उनके | जयप्रभसूरि गुरुवार
शिष्य यशस्तिलकमुनि १५२९ | फाल्गुन सुदि १ | न्यायप्रवेशवृत्ति । प्रतिलेखनप्रशस्ति जयप्रभसूरि एवं उनके जयप्रभसूरि शुक्रवार
शिष्य यशस्तिलकमुनि | आश्विन शुक्ल | कर्पूरप्रकरण प्रतिलेखनप्रशस्ति जयप्रभसूरि एवं उनके जयप्रभसूरि प्रतिपदाबुधवार
शिष्य जयमेरु १५५३ | चैत्र सुदि ८ । पाक्षिकसूत्रअवचूरि । प्रतिलेखनप्रशस्ति | भुवनप्रभसूरि एवं उनके रविवार
शिष्य कमलसंयम तथा
वीरकलश स्नात्रपंचशिका | प्रतिलेखनप्रशस्ति | भुवनप्रभसूरि एवं उनके | वीरकलश
वही, क्रमांक ६०३३ पृ० ३८८. वही, क्रमांक ७२६, पृ० ६३. वही, क्रमांक ३३९६ पृ० १९३. वही, क्रमांक १५२, पृ० १३. वही, क्रमांक १९०, पृ० १६. वही, क्रमांक ३८०५, पृ० २२०. वही, क्रमांक ९५०, पृ० ७८.
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१५५५
वही, क्रमांक २२७८,
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